झारखंड

यातायात नियम तोड़कर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से उलझे तो अब खैर नहीं, होगा मुकदमा

Admin Delhi 1
3 May 2023 10:51 AM GMT
यातायात नियम तोड़कर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से उलझे तो अब खैर नहीं, होगा मुकदमा
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राँची न्यूज़: राजधानी रांची में अब यातायात नियमों का उल्लंघन करने के बाद यदि आप ट्रैफिक पुलिस से उलझे तो आपको महंगा पड़ेगा. ऐसा इसलिए कि नियम तोड़ने पर फाइन काटते समय पुलिसकर्मियों से बहस, हंगामा व धक्का-मुक्की की गई तो पूरी घटना रिकॉर्ड हो जाएगी. इसके लिए तैनात ट्रैफिक पुलिस, कनीय पदाधिकारी व विशेष टीम में शामिल कर्मचारियों को अत्याधुनिक बॉडी ऑन कैमरा से लैस कर दिया गया है.

झारखंड पुलिस मुख्यालय की ओर से रांची समेत राज्य के ट्रैफिक जिला के लिए 355 बॉडी ऑन कैमरा उपलब्ध कराए गए हैं. रांची के विभिन्न इलाके में यातायात व्यवस्था को बहाल रखने की ड्यूटी पर लगाए गए 118 ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को पहले प्रशिक्षण दिया गया, इसके बाद उन्हें बॉडी ऑन कैमरा उपलब्ध करा दिया गया. कंपनी के प्रतिनिधियों ने ट्रैफिक कंट्रोल रूम में आसानी से संचालित होने वाले हैंडी कैमरा की खासियत और उसके प्रयोग की बुनियादी जानकारी दी थी. बताया गया कि क्लिप के जरिए कैमरे को वर्दी की जेब पर लगाया जा सकता है.

● कैमरा के जरिए पोस्ट पर होने वाली गतिविधियों की हो जाएगी वीडियो रिकार्डिंग

● ऑटोमेटिक कैमरा नहीं होने से नियम तोड़ने के आरोप से मुकर जाते थे वाहन चालक

शहर में 100 स्थानों पर कैमरे से लैस रहेंगे जवान

शहर में 100 स्थानों पर यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात हैं. ट्रैफिक सार्जेंट रंजन प्रसाद ने बताया कि राजधानी में वीआइपी, प्रमुख एवं व्यस्त मार्ग पर 40 ट्रैफिक पुलिस बूथ हैं. इसके अलावा अन्य इलाके में कटिंग स्थल पर भी यातायात पुलिसकर्मी की तैनाती की गई है. सभी 43 कनीय पुलिस पदाधिकारियों के मताहत सुगम यातायात और एमवी एक्ट के उल्लंघन पर चालक पर कार्रवाई करने में योगदान कर रहे हैं.

रिकॉर्डिंग क्यों साक्ष्य के तौर पर रखेगी पुलिस

वाहन चालकों द्वारा जुर्माना भरने का विरोध करने के दृश्य को कैमरा से रिकॉर्ड किए जाने के बाद ट्रैफिक पुलिस उसे साक्ष्य के तौर पर अपने पास सुरक्षित रखेगी. बताया गया कि यह बाद में सरकारी काम में बाधा डालने, मारपीट किए जाने पर संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज करने में भी प्रमाण के तौर पर काम आएगा. अभी ऑटोमेटिक वीडियो कैमरा नहीं होने से नियम तोड़ने के आरोप से कई बार वाहन चालक मुकर जाते हैं और ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराते हैं

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