जमशेदपुर न्यूज़: शहर में पाबंदियों के बावजूद इन दिनों धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी है. स्थिति यह है कि कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी होने के पहले ही बहुमंजिला इमारतें बनकर तैयार हो जाती हैं. इस दौरान निकायें औपचारिकता निभाती रह जाती हैं. यह सब निकायों और पदाधिकारियों की मिलीभगत से होता है. शिकायत करने वाले कार्यालयों का चक्कर लगाते रह जाते हैं.
शहर के बीचोबीच मुख्य सड़क के किनारे अवैध निर्माण का सिलिसिला जारी है. बिना अनुमति मकान बन रहे हैं. दूसरी ओर, नोटिस देकर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) के अधिकारी खानापूर्ति करते हैं. नोटिस के बाद कार्रवाई होती है, पर यह महज लीपापोती ही होती है. इसके तुरंत बाद फिर से निर्माण शुरू हो जाता है. ऐसे में जेएनएसी की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए जाते हैं. पिछले 5 महीने में 63 शिकायतें जेएनएसी से लेकर एसडीओ कार्यालय और नगर विकास विभाग तक शिकायत की गई. कार्रवाई के नाम पर केवल पानी-बिजली का कनेक्शन काटा गया. इस प्रक्रिया में तीन से चार महीने लगे. इस बीच इमारतों का निर्माण भी पूरा कर लिया गया. आरटीआई कार्यकर्ता मनजीत मिश्रा की मानें तो आरटीआई से प्राप्त सूचनाओं को आधार बनाकर शिकायत की जाती है, फिर भी अधिकारी खामोश हो जाते हैं और जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं.
शहर के जानकारों का कहना है कि शहर में अवैध निर्माण चलता रहा तो आने वाले दिनों में पानी, बिजली, सिवरेज, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था चरमरा जाएगी. घटना दुर्घटना की आशंका बढ़ जाएगी.
इन इलाकों में हुए अत्यधिक अवैध निर्माण बाराद्वारी, साकची, कदमा, सोनारी, बिष्टूपुर, धतकीडीह, सीतारामडेरा सहित अन्य इलाकों में सबसे अधिक अवैध निर्माण हुए हैं, जिसको लकेर जेएनएसी में लगातार शिकायतें की जाती रहीं. इनकी प्रति डीसी और एसडीओ कार्यालय को भी भेजी गई है.