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रांची: झारखंड सरकार ने शुक्रवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की छात्रा का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में अखिल भारतीय सेवा (आईएएस) के अधिकारी सैयद रियाज अहमद को निलंबित कर दिया.
खूंटी के उपमंडलीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अहमद को गत मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था. अहमद के खिलाफ इंजीनियरिंग की छात्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. इसके बाद रियाज अहमद को दो सप्ताह के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, " मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एसडीएम खूंटी के पद पर तैनात सैयद रियाज अहमद को निलंबित करने का निर्देश दिया है. एसडीएम पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था."
पुलिस ने कहा कि अहमद पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला), 354ए (यौन उत्पीड़न) और 509 (शब्द या हावभाव से महिला के शील का अपमान करने का इरादा) के तहत आरोप हैं.
एक अदालत ने पांच जुलाई को अधिकारी को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. अधिकारियों के अनुसार, आईआईटी के आठ इंजीनियरिंग विद्यार्थियों का दल, जिसमें पीड़ित भी शामिल है, राज्य के बाहर से खूंटी प्रशिक्षण (इंटर्नशिप) के लिए आया था.
पुलिस ने अहमद और पार्टी में शामिल हुए कुछ मेहमानों से पूछताछ के बाद प्रथम दृष्टया आरोप को सही पाया. वर्ष 2019 बैच के आईएएस सैयद रियाज अहमद पर आरोप लगाने वाली छात्रा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश की है.
खूंटी के उपायुक्त शशिरंजन ने बताया कि मंगलवार को यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजे गये एसडीएम रियाज अहमद के साथ जेल में मौजूद अन्य कैदियों जैसा ही व्यवहार हो रहा है और उसे कोई विशेष सुविधा नहीं दी जा रही है.
खूंटी के पुलिस अधीक्षक अमन कुमार ने बताया, छात्रा के साथ दो जुलाई को अपने आवास पर जोर-जबर्दस्ती करने और अभद्र आचरण करने के आरोप में वर्ष 2019 बैच के आईएएस अधिकारी सैयद रियाज अहमद को सोमवार की रात हिरासत में ले लिया गया था और मंगलवार को पीड़िता का मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर उसे जेल भेज दिया गया.
आईएएस अधिकारी पर आरोप है कि उसने शनिवार दो जुलाई को अपने आवास पर पीड़िता का जबरन चुम्बन लिया और फिर उसके साथ अभद्र व्यवहार किया. अपने इंटर्नशिप कार्यक्रम में यहां आये आईआईटी के छात्र-छात्राओं को एसडीएम रियाज अहमद ने अपने आधिकारिक आवास पर एक जुलाई को रात्रिभोज में बुलाया था.
पीड़ित छात्रा के अनुसार रात भर चली पार्टी के बाद जब वह अपने अन्य साथियों के साथ दो जुलाई की सुबह एसडीएम आवास से निकलने वाली थी, तो अकेले होने का फायदा उठाकर आईएएस अधिकारी ने उसके साथ जोर जबर्दस्ती की.
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