झारखंड

ढेंगा गोलीकांड मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, आज दर्ज किया जायेगा पीड़ितों का बयान

Renuka Sahu
16 Aug 2022 3:38 AM GMT
Human Rights Commission took cognizance of Dhenga shooting case, the statement of the victims will be recorded today
x

फाइल फोटो 

14 अगस्त 2015 को हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र स्थित ढेंगा में किसान अधिकार महारैली के दौरान ग्रामीण और पुलिस के बीच झड़प हो गयी थी.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 14 अगस्त 2015 को हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र स्थित ढेंगा (Dhenga) में किसान अधिकार महारैली (Farmers Rights Rally) के दौरान ग्रामीण और पुलिस के बीच झड़प हो गयी थी. इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने संज्ञान लिया है. आयोग आज ढेंगा गोलीकांड के पीड़ितों को बयान दर्ज करवायेगी. जिसकों लेकर 16 अगस्त को रांची में बयान दर्ज करने का नोटिस जारी किया गया है. जुबैदा खातून (Zubeida Khatoon) को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि बड़कागांव थाना(Barkagaon Police Station) कांड संख्या 65/18 मामले में 16 अगस्त को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग झारखंड रांची में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना सुनिश्चित करेंगे. पढ़ें – किरीबुरू : नक्सलियों के गढ़ सारंडा में सीआरपीएफ ने शान से फहराया तिरंगा, ग्रामीण बच्चों में दिखा उत्साह

जुबैदा खातून के कमर में अब भी एक गोली फंसी हुई है
गौरतलब है कि ढेंगा गोलीकांड में पुलिस(Police) की गोली से छह लोग घायल हुए थे, उनमें से एक महिला जुबैदा खातून के कमर में अब भी एक गोली फंसी हुई है. पुलिस ने सभी घायलों को अभियुक्त बनाकर जेल(Jail) भेज दिया था. वहीं पुलिस ने एफआईआर, केस डायरी से लेकर विधानसभा तक कही भी घायलों का जिक्र नहीं किया था. बाद में पीड़ितों द्वारा कोर्ट में दायर केस को पुलिस अधिकारी अनिल सिंह ने पद का दुरूपयोग करते हुए,अभियुक्तों को बचाने के लिए अभियुक्तों के प्रभाव में आकर एकतरफा जांच रिपोर्ट बनाकर केस बंद करने का अनुशंसा कर दिया था.जिसके बाद पीड़ितों ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराया था.
किसान अधिकार रैली के दौरान छह लोगों को लगी थी पुलिस की गोली
बता दें कि 14 अगस्त 2015 को ढेंगा में किसान अधिकार महारैली के दौरान ग्रामीण और पुलिस के बीच झड़प हुई थी. इस दौरान पुलिस की ओर से आत्मरक्षा की बात कहते हुए फायरिंग की गयी थी. पुलिस की गोली से छह लोग घायल हो गये थे. घायलों का बड़कागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक इलाज के बाद हजारीबाग सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद सदर अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस केस की इंट्री करते हुए पुलिस को सूचित किया था. इसके बाद हजारीबाग पुलिस ने घायलों का बयान लिया. सभी ने अपने बयान में उस दिन कहा था कि पुलिस ने जानबूझ कर हम लोगों पर गोलियां चलायी. प्रशासन की ओर से तत्कालीन एसडीओ अनुज प्रसाद के बयान पर घायलों सहित कुल 67 लोगों पर बड़कागांव थाना में कांड संख्या 167/15 दर्ज किया गया था. केस में पुलिस द्वारा इंसास रायफल से 22 राउंड फायरिंग किये जाने की बात भी कही गयी थी. जबकि सभी घायलों को घायलावस्था में सदर अस्पताल से 17 अगस्त को हजारीबाग जेल भेज दिया गया था.
Next Story