झारखंड

High Court's strong comment : बिना दिमाग लगाये मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आदेश पर साइन कर दिया

Tara Tandi
5 July 2024 6:37 AM GMT
High Courts strong comment : बिना दिमाग लगाये मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आदेश पर साइन कर दिया
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Ranchi रांची : झारखंड उच्च न्यायालय ने जमशेदपुर सिविल कोर्ट के एक न्यायिक दंडाधिकारी (ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट) के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए गंभीर टिप्पणी की है. अदालत ने अपने आदेश में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को आदेश पारित करने से पहले सावधानीपूर्वक विचार करने पर जोर देने के साथ रविवार और अन्य छुट्टियों पर मजिस्ट्रेट के लिए प्रशिक्षण का सुझाव दिया है. दरअसल जमशेदपुर सिविल कोर्ट ने दुष्कर्म के एक आरोपी के खिलाफ कुर्की का इश्तेहार और वारंट जारी किया था. जिसके खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
आदेश को जारी रखना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा
इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट में हुई. अदालत ने कुर्की के इश्तेहार और वारंट को रद्द करते हुए कहा कि अदालत को यह मानने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा 82 के तहत इश्तेहार जारी करके अवैधता की है. उन्होंने कानून की अनिवार्य आवश्यकताओं का पालन किये बिना आदेश पारित किया है इसलिए, यह कानून में टिकाऊ नहीं है और इसे जारी रखना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा.
आदेश की कॉपी जमशेदपुर सिविल कोर्ट के प्रधान जिला न्यायाधीश को भेजने का निर्देश
अदालत ने अपने आदेश में गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस आदेश पर बिना दिमाग लगाये हस्ताक्षर कर दिये गये हैं, हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को अपने इस आदेश की एक कॉपी जमशेदपुर सिविल कोर्ट के प्रधान जिला न्यायाधीश को भेजने का निर्देश दिया, और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि संबंधित न्यायिक मजिस्ट्रेट भविष्य में इस तरह की जल्दबाजी और गैर-विचारणीय कार्रवाई से बचें.
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