राँची: जलस्रोतों का लगातार हो रहे अतिक्रमण को रोकने के साथ उसे अतिक्रमण मुक्त करने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि पेयजल संकट से निपटने के लिए क्या योजनाएं हैं. जिस तरह से जल स्रोतों पर अतिक्रमण हो रहे हैं. भविष्य में बड़ी परेशानी पैदा हो सकती है. इस साल मानसून में अब तक कम वर्षा हुई है. लोगों को पेयजल की समस्या न हो. इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार एवं नगर निगम से एक्शन प्लान मांगा है.
वहीं, कोर्ट ने रांची नगर निगम को शहर के जलस्रोतों कांके डैम, धुर्वा डैम, गेतलसूद डैम, हिनू नदी के आसपास से अतिक्रमण हटाने एवं इन जल स्रोतों में ठोस एवं तरल कचरा जाने से रोकने के संबंध में जवाब तलब किया है. स्वत संज्ञान से दर्ज मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और
जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने बढ़ते जल संकट पर चिंता जताई. इससे पहले एमिक्स क्यूरी इंद्रजीत सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि मानसून में इस साल अब तक रांची में 27 फीसदी कम वर्षा हुई है. इस वर्ष दिसंबर के बाद पेयजल की समस्या रांची में होने लगेगी. ऐसे में सरकार कैसे इस समस्या का सामना करेगी, इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए. साथ ही मामले की अगली सुनवाई की तारीख 31 अक्तूबर निर्धारित की गई.
बड़ा तालाब से निकाला जा रहा है कीचड़
जलस्रोतों के अतिक्रमण के साथ रांची के बड़ा तालाब की साफ-सफाई से जुड़े मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि बड़ा तालाब की साफ-सफाई तेजी से की जा रही है. इसके लिए तालाब से कीचड़ निकाला जा रहा है. अक्तूबर तक ट्रीटमेंट प्लांट शुरू किया जाएगा.
तालाब में जो नाले का पानी जा रहा है, उसे साफ करने के लिए यह शुरू किया जाएगा.