रांची: राज्य में हीमोफीलिया के मरीजों की संख्या दो साल में करीब तीन सौ तक बढ़ गई है। दो साल पहले तक इनकी संख्या 665 तक थी। अब यह संख्या 960 हो गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे अधिक मरीज पहले से हैं, पर पहचान नहीं हो पा रही थी। सेंटरों की संख्या बढ़ने और जागरुकता बढ़ने के कारण जांच होने पर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में उन्हें इलाज भी सही तरीके से मिल रहा है। विशेषज्ञों ने बताया कि आने वाले एक साल में यह संख्या बढ़कर दोगुना तक हो जाएगी। जानकारी के अनुसार, तेजी से जांच की संख्या बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में 12 जिलों में सेंटर हैं, जिसे जल्द ही बढ़ाने की संभावना है। विशेषज्ञों ने बताया कि कुल आबादी के अनुसार झारखंड में यह संख्या चार हजार तक होनी चाहिए। सभी को पहचान कर इलाज की सुविधा देने पर विचार किया जा रहा है।
डेढ़ लाख से अधिक मरीज हो चुके हैं थैलेसीमिया के: राज्य में हीमोफीलिया के अलावा थैलेसीमिया के मरीजों की संख्या भी इजाफा हो रहा है। बता दें कि वर्तमान में राज्य में डेढ़ लाख से अधिक मरीजों की पहचान की जा चुकी है। थैलेसीमिया के मरीजों के लिए सेंटर भी बढ़ाए जा रहे हैं। साथ ही थैलेसीमिया रोगियों के लिए डेकेयर में बेड की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। रिम्स में भी इन मरीजों के लिए बेड की संख्या दोगुनी कर दी गई है। वर्तमान में इन मरीजों के लिए 30 बेड रांची के सदर अस्पताल में रिजर्व रखे गए हैं।