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फाइल फोटो
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को समर्थन और राजनीतिक हालात पर गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नई दिल्ली में सोमवार को मुलाकात निर्धारित है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को समर्थन और राजनीतिक हालात पर गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नई दिल्ली में सोमवार को मुलाकात निर्धारित है। झामुमो के विधायकों में राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को लेकर नरम रवैया देखने को मिल रहा है। कुछ विधायकों ने तो निजी राय में द्रौपदी मुर्मू को अपनी पसंद बताया है।
हालांकि समर्थन के मुद्दे पर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा की शनिवार को तीन घंटे हुई बैठक के बाद भी आधिकारिक ऐलान को लेकर असमंजस की स्थिति में दिखी है। सत्तासीन गठबंधन में शामिल झामुमो पिछले दिनों राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के आह्वान पर नई दिल्ली में हुई बैठक में शामिल हुआ। बैठक में झामुमो के सांसद विजय हांसदा और मंत्री हफिजुल अंसारी शामिल हुए।
झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि दिल्ली की बैठक की भावना से अवगत होने के लिये झामुमो शामिल हुआ। विपक्ष के साक्षा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन देने की बात नहीं कही गई है। उन्होंने कहा कि गैर भाजपा दलों की बैठक में कई दल शामिल नहीं हुये थे। झामुमो का मानना है कि राष्ट्रपति चुनाव एक बड़ा विषय है। इस पर निर्णय गंभीरता से विचार करने के बाद ही लिये जायेंगे। जरूरत पड़ी तो पार्टी फोरम की और बैठकें बुलाई जाएंगी। अंतिम निर्णय पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन लेंगे।
जानकारी के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति समर्थन के लिए सत्तारूढ़ दल झामुमो अपनी अपेक्षायें उनके समक्ष रखेगा। झामुमो सूत्रों के मुताबिक आदिवासी केंद्रित राजनीति के कारण द्रौपदी मुर्मू बेहतर विकल्प हैं, लेकिन समर्थन के पहले केंद्र के समक्ष हेमंत सोरेन अपनी और पार्टी की बातें रखना चाहते हैं। झामुमो के वरिष्ठ विधायक नलिन सोरेन ने पार्टी की बैठक के बाद कहा कि राज्य के अपने ग्रिवासेंज हैं, जो केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष उठाए जाएंगे।
ओडिशा की राजनीति पर झामुमो में मंथन
झामुमो की पड़ोसी राज्य ओडिशा की राजनीति पर भी नजर है। झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन की पुत्री अंजलि सोरेन ओडिशा राज्य कमेटी की प्रमुख हैं। पिछले दिनों पंचायत चुनाव में झामुमो ने जनजातीय बहुल इलाकों में बेहतर प्रदर्शन किया। संगठनात्मक विस्तार के लिहाज से ओडिशा झामुमो के लिए अहम है। शिबू सोरेन परिवार की बहुओं विधायक सीता सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का जुड़ाव ओडिशा से है। ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजद और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन राज्य के लोगों की भावनाओं को देखते हुए बीजद ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की घोषणा कर दी है। सोरेन परिवार में द्रौपदी मुर्मू के प्रति झुकाव की वजहों में यह भी शामिल है। सोरेन परिवार के द्रौपदी मुर्मू से अच्छे ताल्लुकात हैं। द्रौपदी मुर्मू झारखंड से सटे ओड़िशा के मयूरगंज की रहने वाली हैं।
गृह मंत्री के सामने राज्यहित कई मांग उठा सकते हैं सीएम
सूत्रों के अनुसार अमित शाह से मुलाकात के दौरान हेमंत सोरेन जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों के लिए अलग सरना आदिवासी धर्म कोड शामिल करने सहित केंद्र सरकार के उपक्रमों पर झारखंड का 1.36 लाख करोड़ बकाया की मांग उठा सकते हैं। झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र आहूत कर सरना धर्मकोड का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था। उस समय द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल थीं। जानकारों का मानना है कि गृह मंत्री के साथ मुख्यमंत्री की मुलाकात के दौरान राजनीति हालात पर चर्चा हो सकती है। हेमंत झारखंड के विकास में केंद्र का सहयोग मांग सकते हैं।
बीच का रास्ता निकाल सकता है झामुमो
सूत्रों के अनुसार झामुमो राजग या विपक्ष में एक को चुनने की बजाय बीच का रास्ता भी अपना सकता है। ऐसी स्थिति में झामुमो की तरफ से विधायकों को कहा जा सकता है कि वे अपनी पसंद के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करें। राष्ट्रपति चुनाव में व्हिप जारी नहीं होता, ऐसे में यह बेहतर विकल्प हो सकता है।
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