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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़ी माइनिंग लीज मामले की सुनवाई गुरुवार को दिल्ली के निर्वाचन आयोग कार्यालय में हुई
Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़ी माइनिंग लीज मामले की सुनवाई गुरुवार को दिल्ली के निर्वाचन आयोग कार्यालय में हुई. हेमंत सोरेन की तरफ से एसके मेंदीरता ने पक्ष रखा. पक्ष सुनने के बाद अगली सुनवाई की तारीख 5 अगस्त मुकर्रर कर दी गयी. पिछली सुनवाई में भाजपा के अधिवक्ता ने करीब दो घंटे तक अपना पक्ष रखा था. मामले में भाजपा ने आयोग में शिकायत की है. भजाप की मांग है कि हेमंत सोरेन को चुनाव कानूनों के तहत विधायक के रूप में अयोग्य करार दिया जाये. मालूम हो कि इस मामले की झारखंड हाइकोर्ट में भी सुनवाई चल रही है.
28 जून को हुई पिछली सुनवाई में भाजपा के वकील ने जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 9 ए के तहत सीएम सोरेन की विधायकी को अयोग्य करार देने की मांग की थी. यह धारा सरकारी ठेके आदि लेने पर जनप्रतिनिधि को अयोग्य करार दिये जाने से संबंधित है. भाजपा का कहना है कि सीएम हेमंत सोरेन ने कानून का उल्लंघन किया है, वह पद पर रहने के योग्य नहीं रह गये हैं.
मालूम हो कि झारखंड के राज्यपाल द्वारा मामले को चुनाव आयोग को भेजने के बाद आयोग ने मई में झामुमो नेता व सीएम सोरेन को उक्त कानून के तहत नोटिस जारी किया था. हालांकि, आरंभिक सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन के वकीलों की टीम ने कहा था कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 9 ए इस मामले में लागू नहीं होती है. इस दावे के समर्थन में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को भी चुनाव आयोग के समक्ष संदर्भ के तौर पर पेश किया था. हेमंत सोरेन की ओर से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी राहत मांगी थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने केस की सुनवाई पर रोक से इनकार कर दिया था.
Rani Sahu
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