झारखंड
युवाओं के लिए जल्द ही CM सारथी योजना ला रही हेमंत सरकार, बैंक-रेलवे से लेकर UPSC तक की तैयारी का मिलेगा खर्च
Renuka Sahu
9 Jun 2022 4:16 AM GMT
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फाइल फोटो
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार राज्य के नौजवानों के लिये बहुत जल्द सीएम सारथी योजना लाने जा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार राज्य के नौजवानों के लिये बहुत जल्द सीएम सारथी योजना लाने जा रही है। इस योजना के तहत राज्य के युवाओं को हर तरह की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने में आने वाले पूरे खर्च का सरकार वहन करेगी। चाहे वह प्रतियोगिता मेडिकल, इंजीनियरिंग, यूपीएससी, जेपीएससी से जुड़ी हो या बैंक, रेलवे आदि की हो। ताकि हम राजनीतिक के साथ बौद्धिक स्तर पर ताकतवर बनकर राज्य के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों को पहचान सकें।
इतना ही नहीं बड़े-बड़े शहरों में राज्य की बच्चियों के लिये छात्रावासों का निर्माण भी कराया जाएगा। सरकार बहुत जल्द राज्य के हर आदिवासी के घर में निशुल्क मांडर-नगाड़ा पहुंचाने की योजना बना रही है। ताकि आदिवासी परंपरा अक्षुण बनी रहे। उपरोक्त बातें मुख्यमंत्री ने बुधवार को गुमला में सर्वजन पेंशन योजना के तहत आयोजित पेंशन वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि राज्य के अनुबंध कर्मियों, नर्स, आंगनवाड़ी सेविका, सहिया, सहायिका, रसोइया सभी की समस्या और बात सुनने के लिये वह हर समय खड़े हैं।
सीएम ने कहा कि मानदेय बढ़ाने की बात हो या कुछ और मांग। सब पर सरकार काम कर रही है। सभी का जल्द समाधान निकाला जाएगा। वह 20 सालों से फैली एक-एक गंदगी को साफ करने में जुटे हैं। राज्य के अब तक के पिछड़ेपन के कारण की जड़ तक वह पहुंच चुके हैं। इसे खत्म करने की दिशा में बढ़ चुके हैं। बहुत जल्द 50 हजार से अधिक नियुक्तियां निकाली जाएंगी। राज्य के युवाओं को नौकरी देने के लिये नियम बनाये गये हैं।
महीने की पांच तारीख तक पेंशन नहीं दिया तो पदाधिकारी दंडित होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब झारखंड के सभी योग्य लाभुकों को सर्वजन पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। केंद्र सरकार से उन्होंने इस अवधारणा के साथ योजना शुरू करने की मांग की थी, लेकिन अमल नहीं हुआ। उन्होंने सर्वजन पेंशन शुरू कर दी है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को पेंशन की योजना शुरू करने वाला देश का पहला राज्य झारखंड है। पूर्व में सीमित संख्या में लाभुकों को पेंशन देने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है।
सभी छूटे हुए वृद्ध, विधवा, निराश्रित महिला, दिव्यांग्जन, आदिम जनजाति एवं एचआइवी एड्स पीड़ित को पेंशन योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। वर्तमान सरकार द्वारा 7,79,142 से अधिक लाभुकों को योजना का लाभ मिला है। इन्हें हर माह एक हजार सम्मान राशि के रूप के दी जा रही है। महीने की पांच तारीख तक पेंशन नहीं देने पर पदाधिकारी दंडित होंगे। सहयोग नहीं करने वाले पदाधिकारी की नौकरी जाएगी। सरकार ने विधवा पेंशन की तय आयु 40 वर्ष और दिव्यांग के लिए निर्धारित 18 वर्ष की आयु सीमा को समाप्त कर दिया।
सरना धर्म कोड पर भाजपा नेता चुप क्यों
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने आदिवासियों की सुध लेने के लिये सम्मेलन किया। मंच पर कुछ आदिवासी नेता विधायक और सांसद के रूप में मौजूद रहे। सीएम ने इन आदिवासी भाजपा नेताओं से सवाल किया है कि झारखंड विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित सरना धर्म कोड पर वह चुप क्यों हैं। इस प्रस्ताव पर एनडीए की सरकार ने क्या निर्णय लिया इसका जवाब नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि आदिवासी से कम संख्या वाले धर्म का जनसंख्या गणना में अलग कोड है, लेकिन आदिवासियों के लिये नहीं।
केंद्रीय एजेंसियों से डरते नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों की बढ़ती राजनीतिक ताकत से विपक्ष घबरा गया है और केंद्रीय संवैधानिक संस्थाओं सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स, कोर्ट, कचहरी, पुलिस की ताकत से डरा रही है। लेकिन, तीर धनुषधारी भगवान बिरसा, सिदो-कान्हू, वीर बुधु भगत को अपना आदर्श मानने वाले आदिवासी-मूलवासी बंदूकधारियों से नहीं डरते। बल्कि इन्हें खदेड़ कर भगाने का साहस रखते हैं। कहा कि संताल में सोरेन को सिपाही का दर्जा प्राप्त है। हमें बहादुरी का किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है।
सीएम सोरेन ने कहा कि विरोधी ताकतें हमें अधिक परेशान करेंगी तो झारखंड सरकार अपनी ताकत दिखा देगी। ऐसा हुआ तो पूरा देश आंसू बहायेगा। कहा कि हमारे सब्र का बांध न तोड़ें। उन्होंने लोगों से कहा कि गफलतबाजी, षड़यंत्रकारियों से घबरायें नहीं। हम डट कर मुकाबला करेंगे और अपना अधिकार ले कर रहेंगे। झारखंड में कभी द्वेष का स्थान नहीं रहा। लेकिन भाजपा साम्प्रदायिकता फैलाने पर आमदा है। सावधान रहें। ये आम लोगों के घरों में भी लड़ाई करवा सकती है।
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