राँची न्यूज़: हेमंत सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट की तैयारी में जुट गई है. जनकल्याणकारी योजनाओं पर केंद्रित बजट की योजना लेकर बढ़ रही राज्य सरकार अब आधारभूत संरचना पर के विकास पर जोर देगी. स्वास्थ्य के क्षेत्र में संस्थागत ढांचा का विकास करके लोगों को जिला, प्रमंडल स्तर पर ही बेहतर और गुणवत्तापूर्ण सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा.
एंबुलेंस सेवा दुरुस्त की जाएगी. आशा और सहिया की समस्याओं को दूर करने के लिए भी राज्य सरकार रास्ता निकालेगी. स्वास्थ्य के अलावा शिक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मार्च के बाद शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव के साथ सामने आने की बात कह चुके हैं. निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों का विकास किया जा रहा है. 80 उत्कृष्ट विद्यालय तैयार हो चुके हैं. दूसरे चरण में 325 प्रखंडों में आदर्श विद्यालय खोलने पर जोर रहेगा.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बजट को आकार देने के लिए देशभर के विशेषज्ञों के साथ तीन फरवरी को बैठक करेंगे. वित्त विभाग ने बैठक की तैयारी शुरू कर दी है. तारीख में बदलाव भी किए जा सकते हैं.
बजट से पहले विभागवार संगोष्ठी: झारखंड में वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट के पहले दो दिवसीय विभागवार संगोष्ठी से शुरू होगी. इसमें सभी विभागों के बजट पर चर्चा होगी. संगोष्ठी में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव समेत संबंधित विभागों के मंत्री-सचिव व अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे 11.30 बजे से एक बजे तक प्रोजेक्ट भवन में उद्योग विभाग, कौशल विकास, पर्यटन और वन-पर्यावरण विभाग के बजट पर चर्चा होगी.
विभागों के बजट की समीक्षा कल: सरकार सामाजिक सेक्टर, कृषि, स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा, खाद्य आपूर्ति, जनजातीय कल्याण, महिला बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग के बजट की समीक्षा करेगी. उसी दिन दोपहर तीन बजे से साढ़े चार बजे तक आधारभूत संरचना, राजस्व संग्रहण, ऊर्जा, जल संसाधन, पथ निर्माण वाणिज्यकर, खान व भूतत्व, निबंधन के बजट पर चर्चा की जाएगी. वित्त मंत्री ने सभी विभागों के मंत्रियों को अलग-अलग पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि संबंधित विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान विषय विशेषज्ञ अपनी राय रखेंगे.
2023 को क्रियान्वयन वर्ष सीएम ने घोषित किया: मुख्यमंत्री ने साल 2023 को क्रियान्वयन (इम्पलीमेंटेशन) का वर्ष घोषित किया है. उनके यह कहने के मतलब बताया जा रहा है कि कल्याण की विभिन्न योजनाओं जैसे सर्वजन पेंशन, सावित्री बाई फूले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम, छात्रवृत्ति का अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने पर जोर दिया जाएगा. हर घर नल से जल और विधि-व्यवस्था को सुढृढ़ करने पर भी सरकार कमर कसती दिखेगी.