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रांची : झारखंड में बिजली संकट पर सांसद संजय सेठ राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बिजली का आलम यह है कि राजधानी रांची में 7 घंटे बिजली गुल रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो सिर्फ 4 घंटे ही बिजली मिल रही है। जिसके कारण कई उद्य़ोग धंधा ताला लगने के कागार पर है। लोगों के सामने रोजी-रोटी का मसला उत्पन्न हो गया। बुधवार को ने कैंडल लाइट प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की हालत ऐसी है कि आए दिन उच्च न्यायालय टिप्पणी करती है। संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि लाइट कटने से एक नवजात की मौत हो जाती है। उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार संवेदनहीन हो चुकी है। इसे अब जनता के सरोकार से कोई मतलब नहीं है।
लचर ट्रैफिक व्यवस्था से बनी जाम की स्थिति
सांसद संजय सेठ ने ट्रैफिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि रांची में आधे से अधिक ट्रैफिक वाले स्थानों पर टाइमर नहीं चलता है। जाम बेतहाशा है। बार-बार सलाह देने के बवाजूद भी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगा। जिसका नतीजा है कि आज हर तरफ जाम की स्थिति उत्पन्न है। जिसके कारण शहर के लोग काफी परेशान हैं। वहीं उन्होंने रांची दंगा को लेकर कहा कि सबसे दुखद आश्चर्य है कि मेन रोड में जो दंगा हुआ, उस दंगे की फाइल बंद कर दी गई। आखिर किसके दबाव में इसे बंद किया गया है, सरकार को इसका जवाब जनता को देना चाहिए।
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