झारखंड

एचईसी ने इसरो के लिए बनाया देश का पहला व्हील बोगी सिस्टम

Kunti Dhruw
19 March 2022 10:07 AM GMT
एचईसी ने इसरो के लिए बनाया देश का पहला व्हील बोगी सिस्टम
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एचईसी ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगायी है।

झारखण्ड: एचईसी ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगायी है। रॉकेट के प्रक्षेपण के लिए सबसे संवदेशनील और जटिलतम उकरण व्हील बोगी सिस्टम का निर्माण किया है। गुरुवार को एचएमबीपी में इसरो के विशेषज्ञों की मौजदूगी में इसका ट्रायल किया गया जो शत प्रतिशत सफल रहा है। एचईसी ने इसरो के लिए इसका निर्माण किया है।

अधिकारियों के अनुसार व्हील बोगी सिस्टम पीएसएलवी (रॉकेट) एकीकरण प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह रॉकेट को असेंबली बिल्डिंग से लांच पैड तक ले जाता है। रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के लिए आवश्यक प्रक्षेपण तक निर्देशित भी करता है। डेडिकेटेड होलर वाहन द्वारा संचालित 1.5 किमी के रेल ट्रैक पर चलता है। इसका वजन 85 टन है और यह लगभग 900 टन परिवहन करने में सक्षम है। इस उपकरण का निर्माण काफी चुनौतीपूर्ण था।
इसके निर्माण के लिए लॉ एलॉय स्टील विकसित किया गया। इसकी डिजाइन तैयार की है। जटिलतम वेल्डिंग, मशीनिंग के बाद इसकी असेंबलिंग की गयी है। गुरुवार को एचएमबीपी के 043-044 शॉप में व्हील बॉगी सिस्टम का ट्रायल किया गया जो सफल रहा। ट्रायल के दौरान प्लांट के कामगार, अधिकारी, इसरो के विशेषज्ञ मौजूद थे। इसरो के अधिकारी ने बताया कि यह पहली बार है कि इतनी उच्च क्षमता वाली व्हील बोगी प्रणाली भारत में बनी है। यह इसरो के साथ एचईसी के सहयोग के लिए एक नया रास्ता खोलती है। भविष्य में इस तरह के राष्ट्रीय महत्व के कार्यादेश से ए एचईसी के लिए नया मार्ग प्रशस्त होगा।
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