न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक अमिताभ का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ। उन्हें रांची के ही सेंटेविटा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में ही उन्होंने अंतिम सांस ली।
झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए/JSCA) के पूर्व अध्यक्ष और झारखंड पब्लिक सर्विस कमिशन (जेपीएससी/JPSC) के पूर्व चेयरमैन अमिताम चौधरी का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में भी अहम रोल अदा कर चुके हैं। वह बीसीसीआई में कार्यकारी सचिव के पद पर रह चुके हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक अमिताभ का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ। उन्हें रांची के ही सेंटेविटा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में ही उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 62 वर्ष के थे। अमिताभ चौधरी क्रिकेट टीम इंडिया के मैनेजर, राज्य सरकार के झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी भी रह चुके हैं।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके निधन पर दुख जताया है। हेमंत ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा- JPSC के पूर्व अध्यक्ष श्री अमिताभ चौधरी जी के आकस्मिक निधन की दुखद खबर मिली।
पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ जी ने राज्य में क्रिकेट के खेल को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोक संतप्त परिवार को दुख की घड़ी सहन करने की शक्ति दे।
अमिताभ चौधरी का जीवन परिचय
अमिताभ चौधरी की जन्म 6 जुलाई 1960 को हुआ था। उन्हें दो साल पहले जेपीएससी का अध्यक्ष चुना गया था। इसी साल पांच जुलाई को वह इस पद से रिटायर हुए थे। अमिताभ चौधरी झारखंड के वैसे चर्चित लोगों में शामिल थे जिन्होंने शासन, प्रशासन, क्रिकेट और राजनीति में एक अलग पहचान बनाई। 1985 में आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद वह यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद बिहार कैडर के आईपीएस बने। अलग राज्य बनने के बाद उन्हें झारखंड कैडर मिला।
लोकसभा चुनाव भी लड़े, लेकिन जीत नहीं सके
2002 में वह बीसीसीआई के सदस्य बने। 2005 में झारखंड के तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो को हरा कर वह झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) के अध्यक्ष बने। इसके बाद 2005 से लेकर 2009 तक वह क्रिकेट टीम इंडिया के मैनेजर भी रहे। 2013 में उन्होंने आईपीएस की नौकरी से वीआरएस ले ली। 2014 में अमिताभ ने राजनीति में कदम रखा। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर अमिताभ ने बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम से रांची लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। हालांकि, वह चुनाव नहीं जीत सके।
इसके बाद वह बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए थे। साथ ही आईसीसी बोर्ड में भारत के नियुक्त प्रतिनिधि के तौर पर भी काम किया। अमिताभ ने हमेशा भारतीय क्रिकेट को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने के लिए काम किया।