रांची: सीएम के करीबियों के शेल कंपनी चलाने और सीएम को लीज खनन आवंटित करने के खिलाफ दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई नहीं होने के आसार हैं. मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत नहीं बैठेगी. यह मामला इसी अदालत में मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गयी थी. मामले की अगली सुनवाई की तिथि अभी निर्धारित नहीं की गयी है. इस याचिका पर अब अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है.
सीएम हेमंत सोरेन और उनके करीबियों के शेल कंपनी चलाने के मामले में सरकार ने हस्तक्षेप याचिका दायर की है. सोमवार को कैबिनेट (निगरानी) विभाग के अधिकारी चंद्रभूषण प्रसाद ने याचिका दायर कर प्रार्थी शिवशंकर शर्मा पर अदालत को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
इस याचिका में कहा गया है कि प्रार्थी ने सीएम की पत्नी और दूसरे रिश्तेदारों के स्वामित्व वाली कंपनी सोहराई लाइव स्टॉक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ गलत जानकारी दी है. राज्य के उद्योग विभाग ने कंपनी को औद्योगिक उद्देश्यों के लिए 11 एकड़ जमीन आवंटित की थी, बाद में उस लीज रद्द कर दिया गया. प्रार्थी ने कंपनी की पूंजी और जमीन आवंटन पर गलत शपथपत्र दाखिल किया है.
सरकार ने याचिका में कहा है कि याचिकाकर्ता ने बिना किसी आधार पर आरोप लगाया है कि कंपनी द्वारा झूठे दस्तावेज जमा करने के बावजूद चतरा में आईटीआई प्रतापपुर के निर्माण के लिए नीलम कंस्ट्रक्शन को टेंडर दिया गया था. सरकार ने दावा किया कि कंपनी को टेंडर मिल गया था, लेकिन बाद में टेंडर कमेटी ने इसे रद्द कर दिया, क्योंकि कंपनी के अनुभव को सत्यापित नहीं किया गया था. सरकार का कहना है कि प्रार्थी ने सरकार की छवि खराब करने के इरादे से गलत जानकारी के साथ याचिका दायर की है.