झारखंड

सीएम सोरेन के खनन लीज और शेल कंपनियों पर हाईकोर्ट में सुनवाई 17 को, झारखंड सरकार मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची

Renuka Sahu
11 Jun 2022 12:56 AM GMT
Hearing in the High Court on CM Sorens mining lease and shell companies on 17th, Jharkhand government reached the Supreme Court regarding the matter
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फाइल फोटो 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों के शेल कंपनी चलाने और सीएम को खनन पट्टा आवंटन के मामले की याचिका को वैध बताए जाने के खिलाफ झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट गयी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों के शेल कंपनी चलाने और सीएम को खनन पट्टा आवंटन के मामले की याचिका को वैध बताए जाने के खिलाफ झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट गयी है। सरकार ने शुक्रवार को हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। शुक्रवार को ही हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। अगले सप्ताह इसकी सुनवाई हो सकती है, इस कारण हाईकोर्ट फिलहाल इसकी सुनवाई न करे। सरकार की ओर से बार-बार मामले की सुनवाई टालने का आग्रह करने के बाद अदालत ने सुनवाई 17 जून को निर्धारित की और कहा कि इस दिन केस के मेरिट पर सुनवाई की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट के आलोक में ही हो रही सुनवाई
शुक्रवार को सुनवाई शुरू होते ही सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने अदालत से सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया। महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गयी है। इस कारण हाईकोर्ट को इस पर सुनवाई नहीं करना चाहिए। इस पर अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार याचिका की वैधता तय करने के बाद ही सुनवाई की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका वैध रहने पर सुनवाई करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में सारी कार्रवाई (24 मई, एक जून और तीन जून) की गयी। अब मेरिट की बातें सामने आयीं, तो सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि और समय चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिका की मेरिट पर सुनवाई आवश्यक है, क्योंकि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का एक मामला निर्वाचन आयोग में भी लंबित है, जिसमें मुख्यमंत्री के निर्वाचन को चुनौती दी गयी है। ऐसे में निर्वाचन आयोग की नजरें भी झारखंड हाईकोर्ट पर है। सरकार बार-बार व्यवधान क्यों डाल रही है। इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि सीनियर एडवोकेट देश में नहीं है, दोनों बाहर हैं।
उठा दागी अफसर के शपथपत्र का भी मामला
प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने सुनवाई के क्रम में एक बार फिर खान एवं भूतत्व विभाग के संयुक्त सचिव बालकिशुन मुंडा की तरफ से खान आवंटन मामले में शपथ पत्र दायर करने मामला उठाया और कहा कि उनके खिलाफ भी आपराधिक मामला लंबित है। इस पर कोर्ट ने कहा कि क्या सरकार के पास स्वच्छ छवि वाले अधिकारियों की कमी हो गयी है।
सुनवाई का आग्रह
सुनवाई के दौरान मनरेगा घोटाले की जांच के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करने का आग्रह अधिवक्ता राजीव कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि इसकी वैधता पर सुनवाई पहले ही हो चुकी है। इस पर अदालत ने सरकार से पूछा कि आपने अब तक निलंबित पूजा सिंघल पर एफआईआर क्यों नहीं किया था। ईडी की कार्रवाई के बाद मनरेगा घोटाला का पैसा निकला तब आपको याद आया।
क्यों चाहते हैं सुनवाई
अदालत ने कहा कि यदि सरकार शेल कंपनी के मामले में एसएलपी दायर कर चुकी हैं, तो माइनिंग लीज वाले मामले की सुनवाई क्यों चाहते हैं। इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इस केस को अलग कर देना चाहिए। इस पर अलग से सुनवाई होनी चाहिए। इस पर अदालत ने कहा कि दोनों मामलों की वैधता पर सुनवाई हो गयी है और दोनों को वैध माना गया है। जब आप इस याचिका को वैध नहीं मानते हैं तो इस मामले में हस्तक्षेप याचिका कैसे दायर कर दी। आपका बयान परस्पर विरोधी है।
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