धनबाद न्यूज़: जिले में 10 से 25 फरवरी तक फाइलेरिया रोधी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जाएगा. यह सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम है. इस दौरान फाइलेरिया रोधी दवा एल्बेंडाजोल (कृमिनाशक) और डीईसी की गोली नहीं बांटनी है. स्वास्थ्य कर्मियों को अपने सामने लोगों को दवा खिलानी है. यह जानकारी सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को दी.
अपने कार्यालय के सभाकक्ष में सिविल सर्जन एमडीए पर आयोजित प्रशिक्षण की अध्यक्षता कर रहे थे. सीएचओ को बताया गया कि दो साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को सरकार से निर्धारित दिशा-निर्देश के अनुसार निर्धारित डोज में दवा खिलायी जानी है. यह दवा दो साल से कर्म उम्र के बच्चों को, गर्भवतियों को और गंभीर रूप से बीमार लोगों को किसी भी स्थिति में नहीं खिलानी है. बताया कि यह स्वास्थ्य विभाग का बड़ा कार्यक्रम है, जिसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए.
जिला फाइलेरिया पदाधिकारी डॉ सुधा सिंह ने एमडीए कार्यक्रम के महत्व की जानकारी देते हुए कहा कि फाइलेरिया विश्व में दूसरी सबसे ज्यादा अपंगता पैदा करनेवाली लाइलाज बीमारी है. यह गंदे पानी में रहने वाली मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है. मच्छरों में इसकी तादाद 90 प्रतिशत से अधिक होती है. मौके पर जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार, डीआरसीएचओ डॉ संजीव कुमार प्रसाद, जिला मलेरिया सलाहकार रमेश कुमार सिंह, उब्ल्यूएचओ के डॉ सांतनू समेत सभी सीएचओ शामिल थे.