झारखंड

हजारीबाग : 6 माह में ही टूट गये 6-6 लाख में बने दो चेकडैम

Renuka Sahu
19 Oct 2022 2:42 AM GMT
Hazaribagh: Two check dams built in 6-6 lakhs were broken in 6 months
x

न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

हजारीबाग के चौपारण स्थित गौतम बुद्ध वन्यप्राणी आश्रयणी और कटकमसांडी के शाहपुर में बने दो चेकडैम पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गए.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हजारीबाग के चौपारण स्थित गौतम बुद्ध वन्यप्राणी आश्रयणी और कटकमसांडी के शाहपुर में बने दो चेकडैम पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गए. उसमें जमा पानी बह गए. जंगली जीव-जंतुओं की प्यास बुझाने के लिए दोनों चेकडैम बनाए गए थे. जानकारी के मुताबिक गौतम बुद्ध वन्यप्राणी आश्रयणी क्षेत्र के कर्मा पंचायत के असनाचुआं जंगल में वित्तीय सत्र 2021-22 मई-जून में चेकडैम बनाया गया था. वहीं कटकमसांडी के शाहपुर में पश्चिमी वन प्रमंडल हजारीबाग के वनरोपण स्थित वन प्रक्षेत्र में भी इसी वित्तीय वर्ष में 2021-22 में चेकडैम बनाया गया था. दोनों चेकडैम का निर्माण 6.25-6.25 लाख की लागत से हुआ था. दोनों ही चेकडैम स्थानीय रेंजर और फॉरेस्टर की देखरेख में बनाए गए थे. शाहपुर का चेकडैम मार्च में बनाया गया था. छह माह के अंदर ही दोनों चेकडैम टूट गए.

बह गए चेकडैम
गौतम बुद्ध वन्यप्राणी आश्रयणी में करीब 4500 वर्ग फीट का चेकडैम बारिश में बह गया. इसकी लंबाई 150 फीट और चौड़ाई 30 फीट के करीब थी. कोई गार्डवाल नहीं बनाया गया था. बस बालू और मिट्टी से किनारा बांध दिया गया था. बारिश में वह बीच से ही धंस गया और पूरा पानी बह गया. अब उस डैम में वन्यप्राणियों की प्यास बुझाने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं है.
इस बाबत गौतम बुद्ध वन्यप्राणी आश्रयणी के रेंजर रामबाबू कुमार से बात की. उन्होंने कहा कि इस तरह के कितने चेकडैम बने हैं, फाइल देखकर ही बता पाएंगे. कितनी राशि से चेकडैम बनाया गया, यह भी फाइल देखने से पता चलेगा. हमने डीएफओ अविनाश चौधरी से बात की. उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी मिली है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
आदेश के बाद भी नहीं हुई जांच
कटकमसांडी के शाहपुर में मई माह में चेकडैम बनाए गए, लेकिन कागज पर उसे मार्च में ही बना दिखाया गया. जुलाई माह में यह चेकडैम बह गया. यह चेकडैम 150 फीट लंबा और 30 फीट चौड़ा है. इसकी ऊंचाई 10 फीट और मुहाना भी 10 फीट का है. करीब 4500 वर्गफीट में इस चेकडैम का निर्माण किया गया है. यहां ग्रास की भी पीचिंग करनी थी और फाउंडेशन काटा जाना था. न ग्रास की पीचिंग की गई और न ही फाउंडेशन काटा गया. मामले की जानकारी मिलने पर पश्चिमी वन प्रमंडल के डीएफओ रवींद्रनाथ मिश्रा ने प्रशिक्षु आईएफएस शैलेंद्र सिंह को जांच का आदेश दिया. जांच नहीं हुई और 23 सितंबर को बोल्डर-मोरम चेकडैम की मरम्मती कर दी गई. मरम्मत के बाद इसमें फिलहाल पानी उपलब्ध है. इस बाबत हमने डीएफओ रवींद्रनाथ मिश्र से बात की. उन्होंने कहा कि चेकडैम बहने की जानकारी उन्हें नहीं है. छोटी-मोटी गड़बड़ी मिलने पर उसकी मरम्मत करा दी जाती है. जब हमने प्रशिक्षु आईएफएस शैलेंद्र सिंह से बात की, तो उन्होंने कहा- हमने कोई जांच नहीं की है. इस मामले में कोई कमेंट नहीं करना चाहते हैं.
Next Story