झारखंड

Hazaribagh : कर्जन ग्राउंड में आयोजित करमा महोत्सव में झारखंडी नृत्य की अद्भुत प्रस्तुतियां दिखी

Renuka Sahu
10 Sep 2024 7:36 AM GMT
Hazaribagh : कर्जन ग्राउंड में आयोजित करमा महोत्सव में झारखंडी नृत्य की अद्भुत प्रस्तुतियां दिखी
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हजारीबाग Hazaribagh : सदर विधानसभा के कर्जन ग्राउंड में भाजपा नेत्री शेफाली गुप्ता के नेतृत्व में करमा महोत्सव का आयोजन कर्जन ग्राउंड में किया गया. महोत्सव का उद्देश्य झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखना और इसे बढ़ावा देना था. इस आयोजन में विभिन्न सांस्कृतिक और रचनात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसने हजारीबाग के स्थानीय लोगों और कलाकारों को अपनी कला और संस्कृति प्रदर्शित करने का मंच प्रदान किया. महोत्सव के मुख्य आकर्षणों में सामूहिक नृत्य प्रतियोगिता रही, जिसमें 89 से अधिक टीमों ने हिस्सा लिया.

इस प्रतियोगिता में पारंपरिक झारखंडी नृत्य की अद्भुत प्रस्तुतियां देखने को मिलीं, जो राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करती हैं. प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आने वाली टीम को 21 हजार का पुरस्कार मिला. जबकि द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाली टीमों को क्रमशः 15 हजार और 11 हजार के पुरस्कार प्रदान किए गए. इसके अतिरिक्त, 10 अन्य प्रतिभागी टीमों को सांत्वना पुरस्कार स्वरूप 21 सौ से सम्मानित किया गया. महोत्सव में स्थानीय युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ रोल प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें युवा प्रतिभाओं ने अपनी रचनात्मकता और तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया. इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, और तृतीय स्थान पर आने वाले युवाओं को क्रमशः 31सौ, 21 सौ और 11 सौ के पुरस्कार दिए गए. संगीत प्रेमियों के लिए महोत्सव में वादन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें भाग लेने वाले कलाकारों ने अपने वादन कौशल से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 31 सौ और द्वितीय पुरस्कार 21 सौ रखा गया था. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद मनीष जायसवाल ने शेफाली गुप्ता के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और प्रचारित करने के लिए इस प्रकार के आयोजनों की अत्यंत आवश्यकता हैं.
मौके पर रोनियार वैश्य समाज के संरक्षक, संतोष गुप्ता, पंकज यादव, दिलीप कुमार गुप्ता और बसंत राणा सहित अन्य उपस्थित थे. अपने संबोधन में शेफाली गुप्ता ने कहा कि हमारा लक्ष्य झारखंड की संस्कृति और परंपरा को संजोकर रखना हैं. इस तरह के आयोजन से न केवल सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हैं बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी देते हैं.


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