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झारखण्ड | झारखंड में पेसा कानून लागू होने के बाद बालू घाट से शुल्क, तालाब लीज से राजस्व, बाजार प्रबंधन शुल्क ग्रामसभा वसूलेगी। यह राशि ग्राम कोष में जमा होगी। ग्राम कोष के बारे में नियमावली के अध्याय सात में विस्तार से जानकारी दी गई है।
झारखंड की पंचायत राज व्यवस्था में पेसा कानून अब तक लागू नहीं है। झारखंड में झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 लागू है। लेकिन झारखंड में पेसा कानून की नियमावली बनने के कारण पेसा कानून लागू नहीं हो पाया है। लंबे अरसे से इसकी मांग की जा रही है। राज्य सरकार ने लंबे अंतराल और लंबी प्रक्रिया के बाद आम व खास लोगों से सुझाव और सलाह लेकर पेसा कानून के तहत झारखंड पंचायत उपबंध (पेसा) नियमावली 2022 के प्रारूप को अंतिम रूप दिया है। विधि विभाग से मंजूरी के बाद यह कैबिनेट से पारित होते ही अधिसूचना की तारीख से राज्य में लागू हो जाएगी।
पेसा कानून की चर्चा तो बहुत हुई, इसकी नियमावली के बारे में राज्य के लोगों को जानकारी रखना आवश्यक है।
पेसा नियमावली का प्रारूप 18 अध्याय और 35 खंडों में विभाजित है। पहले अध्याय को छोड़ दें तो शेष 17 अध्यायों में वर्णित हरेक खंड महत्वपूर्ण है। पहले अध्याय में शब्दों को परिभाषित किया गया है। अध्याय-2 पारंपरिक ग्राम सभा के बारे में जानकारी देता है।
हर ग्रामसभा स्थापित करेगी निधि नियमावली के सातवें अध्याय में ग्रामसभा कोष के गठन की जानकारी दी गई है। प्रत्येक ग्रामसभा एक निधि स्थापित कर सकेगी, जो चार भागों- अन्न कोष, श्रम कोष, वस्तु कोष और नगद कोष से मिलकर ग्राम कोष कहलायेगा। नगद कोष में ये जमा होंगे। दान, प्रोत्साहन राशि, दंड राशि, लघु वन उपज से प्राप्त रायल्टी, तालाब लीज से प्राप्त राजस्व, बाजार प्रबंधन, बालू घाट से प्राप्त शुल्क और अन्य आय से प्राप्त राशि ग्राम सभा के कोष में जमा की जायेगी।
कोष संचालन को ग्रामसभा चुनेगी तीन सदस्य
नगद कोष ग्रामसभा के नियंत्रण में रहेगा। ग्रामसभा अपने निर्णय के अनुसार इसका उपयोग करेगी और इस पर ग्रामसभा का पूर्ण अधिकार होगा। इसका प्रबंधन इस प्रकार होगा।
● कोष के संचालन के लिए ग्रामसभा सर्वसम्मति से तीन सदस्यों का चुनाव करेगी।
● खाता संचालन के लिए अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी अधिकतम तीन वर्षों की होगी।
● इन तीन सदस्यों में कम से कम एक सदस्य का महिला होना जरूरी है।
● यह खाता किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में खुलवाये जायेंगे।
● कोष निकालने के लिए संबंधित ग्रामसभा के अनुमोदन से प्रस्ताव पारित होना आवश्यक।
● एक समय में अधिकतम नगद 10 हजार रुपए तक पेटी में रखे जा सकेंगे। इससे अधिकतम राशि होने पर ग्रामसभा बैंक में रखेगी।
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Harrison
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