मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पत्थर खनन लीज मामले में अपने अधिवक्ता के माध्यम से गुरुवार को भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। पिछली बार सुनवाई के दौरान विपक्षी दल भाजपा के अधिवक्ता ने आयोग के समक्ष दो घंटे तक दलील पेश की थी। समयाभाव के कारण हेमंत सोरेन के वकील एसके मेंदीरत्ता को पक्ष रखने के लिये आयोग ने 14 जुलाई का समय दिया है।
ज्ञात है कि पिछली सुनवाई के दौरान विपक्षी दल भाजपा के वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने पूरा मामला अयोग्यता का बताया था। इसपर सीएम के अधिवक्ता ने कहा कि भाजपा की ओर से दो घंटे तक दलील दी गई, इसलिए उन्हें भी पक्ष रखने के लिए दो से ढाई घंटे का समय दिया जाए। आयोग ने समयाभाव को देखते हुए अगली तारीख पर मुख्यमंत्री का पक्ष सुनने की बात कही। इसके लिए आयोग ने 14 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है।
दुमका से झामुमो विधायक बसंत सोरेन के खिलाफ भाजपा नेताओं की शिकायत के मामले में चुनाव आयोग में अब चार अगस्त को सुनवाई होगी। पिछली बार आयोग ने सुनवाई के लिए अतिरिक्त समय बंसत सोरेन की ओर से मांगे जाने पर 15 जुलाई का समय दिया था। सूत्रों के अनुसार अब दूसरी बार बसंत सोरेन की ओर से अतिरिक्त समय मांगा गया है, उसके बाद भारत निर्वाचन आयोग ने चार अगस्त को सुनवाई का समय तय किया है।
पूर्व में 15 जून को होने वाली सुनवाई से पहले भाजपा की ओर से अतिरिक्त समय मांगा गया था। इसके बाद बसंत की ओर से 29 जून को तय सुनवाई के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया था। तब आयोग ने 15 जुलाई का समय निर्धारित किया था। ज्ञात है कि बसंत सोरेन के खिलाफ भाजपा नेताओं ने खनन कंपनी में साझेदार होने का आरोप लगाते हुय उन्हें राज्यपाल से अयोग्य करार देने की मांग की है। राज्यपाल ने निर्णय लेने से पहले भारत निर्वाचन आयोग से परामर्श मांगा है। आयोग परामर्श देने से पहले मामले में सुनवाई कर रहा है।