झारखंड | राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने रविवार को कहा कि पर्यावरण का संरक्षण एक बड़ी चुनौती बन गया है। उन्होंने लोगों से भावी पीढ़ी के भविष्य की रक्षा के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के असंतुलन के कारण सूखा, अत्यधिक गर्मी की स्थिति, अपर्याप्त वर्षा और बेमौसम बारिश हो रही है, जो करोड़ों लोगों को प्रभावित कर रही है।
उन्होंने कहा कि इसका प्रमुख कारण प्राकृतिक संसाधनों का अविवेकपूर्ण दोहन, कचरा, असंगठित तरीके से अनुपयोगी सामग्रियों की डंपिंग, उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए एक तंत्र की कमी, कीटनाशक का बड़े पैमाने पर उपयोग, गैर-वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ-साथ ज्ञान की कमी है।
राज्यपाल ने पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया प्रखंड केकेएनजे हाईस्कूल परिसर में 'वन प्रबंधन एवं संरक्षण महासमिति' और 'जोहार भारत फेडरेशन' द्वारा आयोजित पर्यावरण संबंधी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी को देखते हुए औद्योगिक और आर्थिक विकास जरूरी है और इसलिए परिवहन प्रणालियों का विकास व आनुपातिक तरीके से पेड़ लगाना भी एक आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि भूमिगत जल स्तर कम हो रहा है और लोगों ने उन्हें विभिन्न जिलों के दौरे के दौरान सिंचाई से संबंधित समस्याओं से अवगत कराया है। उन्होंने उपायुक्तों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि झारखंड में खनिज भंडार की प्रचुरता है, जो देश में अधिकतम है, और अगर इसका योजनाबद्ध तरीके से उपयोग किया जाता है, तो दुनिया की कोई भी ताकत राज्य की समृद्धि को रोक नहीं सकती है। उन्होंने कहा, 'हालांकि, हमें पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में कार्रवाई शुरू करनी होगी।'