जमशेदपुर न्यूज़: हेमंत सरकार ओबीसी आरक्षण को राजभवन से लौटाए जाने के बाद विभिन्न पहलुओं पर मंथन कर रही है. कानूनी राय के आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा.
ज्ञात है कि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने झारखंड विधानसभा से पारित पदों और सेवाओं में रिक्तियों में झारखंड आरक्षण (संशोधन) अधिनियम-2022 को करीब एक माह पहले राज्य सरकार को वापस लौटा दिया था. सूत्रों के अनुसार राज्यपाल ने सरकार को कानून की समीक्षा करने का सुझाव दिया है. राज्यपाल ने यह विधेयक अटॉर्नी जनरल से कानूनी राय लेकर लौटाया है. इस विधेयक में झारखंड में ओबीसी आरक्षण की सीमा 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का प्रावधान किया गया था. एसटी आरक्षण 26 से बढ़ाकर 28 फीसदी और एससी का आरक्षण 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने की व्यवस्था की गई थी. इससे पहले जनवरी अंत में राजभवन ने झारखंड विधानसभा से पारित ‘झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक, 2022’ की पुनर्समीक्षा के लिए राज्य सरकार को वापस कर दिया था.
सिरमटोली स्थित सरना स्थल में सौंदर्यीकरण के नाम पर आदिवासियों के धार्मिक स्थल में भवन निर्माण को अविलंब रोकने की मांग की गई. इसको लेकर कल्याणमंत्री चंपई सोरेन से सिरमटोली के सैकड़ों लोगों ने लिखित शिकायत की है. कहा गया कि इस पवित्र स्थल पर ग्रामवासियों व ग्राम के पाहन वंशजों का दखल है. इसमें सरकारी तंत्र को गुमराह कर पांच मंजिला इमारत बन रही है.