राँची न्यूज़: झारखंड सरकार मार्च में नए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए विधानसभा में बजट पेश करेगी. राज्य के आम आदमी को केंद्र में रखकर बननेवाले बजट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. लिहाजा बजट प्रस्ताव में आम और खास लोगों के सुझाव भी शामिल किये जाएंगे. सरकार हमीन कर बजट के पोर्टल और बजट परिचर्चा के दौरान मिलनेवाले सुझावों में से सबसे अच्छे सुझावों को शामिल करेगी.
बजट उद्व्यय निर्धारण के लिए सरकार के सभी विभागीय प्रमुखों के साथ योजना भवन में विकास आयुक्त विभागवार समीक्षा करेंगे. इसमें वत्तिीय वर्ष 2023-24 की स्कीमों के लिए राज्य योजना आलेख एवं बजट प्राक्कलन तैयार करने के लिए सरकार की ओर से सभी विभागीय अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया गया है. बजट लोकोन्मुखी और रोजगार परक होगा, इस पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में योजनाओं के लिए उपबंधित राशि मदवार और योजनावार खर्च की स्थिति की पहले समीक्षा की जाएगी. इनमें से संभावित सरेंडर होनेवाली राशि को लेकर समीक्षा की जायेगी.
मुख्य सचिव ने तीन महीने पहले विभागवार बजट की समीक्षा के दौरान यह स्पष्ट निर्देश दिया था कि सभी विभाग योजना मद में ज्यादा से ज्यादा राशि खर्च करें. योजना राशि सरेंडर करने की स्थिति में राशि वैसे विभाग को स्थानांतरित कर दी जायेगी, जिस विभाग में योजना मद की राशि ज्यादा खर्च हुई है, लेकिन अभी भी कुछ विभागों को छोड़कर शेष सभी विभाग योजना मद की राशि खर्च करने में फिसड्डी रह गये हैं.
आम और खास का सुझाव शामिल होगा
राज्य के आगामी बजट नर्धिारण में आपकी योजना आपकी सरकार , बजट संगोष्ठी के अलावा हमिन कर बजट पोर्टल में शामिल आम और खास लोगों के बजट संबंधी अच्छे सुझावों को सरकार शामिल करेगी. इन्हें शामिल करने के पहले अधिकारियों की बैठक में इन सुझावों पर भी चर्चा होगी. चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्रीय और केंद्र प्रायोजित योजना के अंतर्गत केंद्रांश मद में कर्णांकित राशि के विरूद्ध कुल प्राप्ति और केंद्र सरकार स्तर के लंबित मामलों के बारे में भी बजट समीक्षा के दौरान चर्चा की जायेगी.
विभागों को आउटकम बजट से संबंधित दिशा-निर्देश जारी
जिन विभागों में आउटकम बजट संचालित है, वे विभाग आउटकम बजट से संबंधित दिशा निर्देश के अनुरूप चालू वित्तीय वर्ष और आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. सभी विभागों से योजना के लिए आगामी वित्तीय वर्ष के लिए आवश्यकता आधारित मदवार व योजनावार उद्व्यय का निर्धारण किया जायेगा. प्रशासी विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने विभाग से संबंधित मुख्य सूचकांक एवं राष्ट्रीय सूचकांक के साथ तुलनात्मक अध्ययन को समाहित करते हुए गत तीन साल की उपलब्धियों के साथ राज्य परिदृश्य भी तैयार कर के बैठक में आएंगे