झारखंड

बारिश-ओलावृष्टि के बाद फंगस ने बर्बाद किए आम के मंजर

Admin Delhi 1
11 April 2023 11:03 AM GMT
बारिश-ओलावृष्टि के बाद फंगस ने बर्बाद किए आम के मंजर
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राँची न्यूज़: रांची जिले में बिगड़े मौसम की वजह से आम की फसल को नुकसान पहुंचा है. जिले के कई प्रखंडों में आम की बढ़त रुक गई है. ऐसे में अप्रैल माह के अंत तक अगर ओलावृष्टि या फिर तेज हवा का बहाव हुआ तो उस समय तक बागीचे में पेड़ों पर शेष बचे टिकारे भी गिर जाएंगे.

इससे अच्छी आमदनी की उम्मीद रखने वाले किसानों को भारी नुकसान होगा. झारखंड के पड़ोसी राज्यों में पिछले एक पखवाड़े के दौरान बने दो सिस्टम की वजह से जिले में मौसम का मिजाज बदला था. इससे तेज हवा के बहाव के साथ कई जगहों पर बारिश और ओलावृष्टि भी हुई थी. इससे आम के पेड़ की कलियों में लगे करीब 40 प्रतिशत मंजर (पेनिकिल) गिर गए. जिस इलाकों में आंधी-तूफान और ओलावृष्टि का असर नहीं हुआ था वहां फंगस की वजह से मंजर काला होकर गिर गए. काफी हद तक रोगमुक्त रहे आम के पेड़ों में अब कीट और रोग भी लग रहे हैं. उद्यान विशेषज्ञों के मुताबिक रांची जिले में उसी किसान के बागीचे में टिकोरे बचे हैं, जिन्होंने कलियों में मंजर लगने के दौर से ही उचित कीटनाशी प्रबंधन कर लिया था.

कई प्रखंडों में मंजर गिर गए रांची में खलारी, अनगड़ा, बुढ़मू, मांडर, ओरमांझी समेत अन्य प्रखंडों में आम की पैदावार होती है. कई प्रखंडों में बागीचे में आम के पेड़ पर लगे मंजर फंगस के प्रभाव से गिर गए. मैकलुस्कीगंज में एक माह पूर्व पेड़ों पर काफी मंजर लगे थे, लेकिन आंधी-बारिश के बाद अधिकांश पेड़ों के आधे मंजर झड़कर गिर गए.

अनगड़ा में ओलावृष्टि से औसतन 40 प्रतिशत मंजर नष्ट

अनगड़ा में इस साल अनुमान से कम आम के उत्पादन की संभावना है. पिछले दिनों आंधी-बारिश और ओलावृष्टि से आम के मंजर को भारी नुकसान हुआ है. प्रखंड में औसतन 40 प्रतिशत मंजर झड़ कर बर्बाद हो गए. सबसे अधिक नुकसान हरातू पंचायत के महुआटुंगरी में हुआ है. किसान महेश महतो और महादेव महतो ने बताया कि उनके बगीचे में लगे 35 पेड़ के 90 से 95 प्रतिशत मंजर गिरकर बर्बाद हो गए हैं. आम उत्पादक जैलेन्द्र कुमार ने बताया कि आम को बचाने के लिए इमिडा कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है.

ओरमांझी में आम की पैदावार अपेक्षा से कम

ओरमांझी में इस वर्ष आम की पैदावार अपेक्षा से कम होगी. कारण इस वर्ष आम के मंजर में बारिश का नहीं होना बताया जा रहा है. मंजर पानी से नहीं धुले इस कारण आम का टिकोरा होने से पहले ही मंजर सूखकर झड़ गए.

सिल्ली में आम की फसल पर मौसम की मार

सिल्ली में महीने भर पहले आंधी, बारिश व ओलों की मार से आम के मंजर गिर गए. अब लगभग 20 प्रतिशत आम के टिकोरे नजर आ रहे हैं. प्रखंड कृषि पदाधिकारी कमलाकांत महतो ने बताया कि किसानों को कार्यशाला में जानकारी दी जा रही है.

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