झारखंड

आज से कोडरमा प्लांट से मिलेगी पूरी बिजली, दूर होगा इन जिलों का बिजली संकट

Renuka Sahu
1 July 2022 3:42 AM GMT
Full electricity will be available from Koderma plant from today, power crisis of these districts will be overcome
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फाइल फोटो 

राज्य के डीवीसी कमांड एरिया में बिजली संकट गुरुवार को भी जारी रहा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्य के डीवीसी कमांड एरिया में बिजली संकट गुरुवार को भी जारी रहा। कोडरमा, बोकारो, गिरिडीह, चतरा, धनबाद, हजारीबाग, रामगढ़ में 12 से 14 घंटे लोड शेडिंग से जनजीवन प्रभावित है। डीवीसी बिजली आपूर्ति सामान्य करने की कोशिश में जुटा है। उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार से कोडरमा प्लांट से पूर्ण उत्पादन शुरू होते ही इन जिलों में बिजली आपूर्ति सामान्य हो सकेगी।

डीवीसी राज्य के सात जिलों में 500 मेगावाट की नियमित आपूर्ति करता है। 150 मेगावाट की अतिरिक्त आपूर्ति मुख्यमंत्री के आग्रह पर की जाती है। ऐसा इन जिलों में बिजली की बढ़ी हुई मांग को देखते हुए किया गया है। फिलहाल डीवीसी के तीन प्लांटों में उत्पादन प्रभावित होने के कारण 650 मेगावाट की जगह 300 मेगावाट तक आपूर्ति जेबीवीएनएल को हो पा रही है। कोडरमा के अलावा रघुनाथपुर और मिजिया थर्मल पावर प्लांटों से करीब 2000 मेगावाट उत्पादन कम हो रहा है।
डीवीसी झारखंड को मुख्य रूप से कोडरमा पावर प्लांट से बिजली आपूर्ति करता है। इस प्लांट में आई तकनीकी खराबी को दूर किया जा रहा है। डीवीसी की ओर से जेबीवीएनएल को अवगत कराया गया है कि कोडरमा के अलावा दो अन्य प्लांटों में आई खराबी के कारण वैकल्पिक माध्यम से बिजली देने में कठिनाई आ रही है। दूसरी ओर देर रात तक कोडरमा थर्मल पावर से उत्पादन शुरू कर लिए जाने का प्रयास जारी था। इस प्लांट से उत्पादन शुरू होते ही राज्य के सात जिलों में आपूर्ति सामान्य हो जाएगी।
राज्य में बिजली की मांग 2500 मेगावाट
राज्य में डीवीसी कमांड एरिया के सात जिलों की बिजली की मांग को शामिल कर लें तो इस समय यह 2500 मेगावाट रिपोर्ट की जा रही है। डीवीसी के अलावा दूसरे जिलों में राहत की स्थिति बनने की मुख्य वजह नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति है। भूटान, सिक्किम के अलावा राजस्थान आदि राज्यों से सौर, पवन और जल ऊर्जा की आपूर्ति जारी है।
डीवीसी ने बकाया भुगतान को लेकर फिर दबाव बढ़ाया
डीवीसी ने एक बार फिर जेबीवीएनएल पर बकाया भुगतान को लेकर दबाव बढ़ाया है। इस वर्ष मार्च तक 3961 करोड़ रुपये बकाया पहुंच गया है। डीवीसी के मुताबिक बाकाया का भुगतान नहीं होने के कारण बिजली उत्पादन संयंत्रों को संचालित करने में और कोयला खरीदने में दिक्कतें आ रही है। डीवीसी ने भुगतान जल्द करने का आग्रह किया है।
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