झारखंड

29 जुलाई से, 6 दिन के सत्र पर विपक्ष ने उठाये सवाल

Admin4
23 July 2022 11:05 AM GMT
29 जुलाई से, 6 दिन के सत्र पर विपक्ष ने उठाये सवाल
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रांची. झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 29 जुलाई से शुरू हो रहा है. हर बार की तरह इस बार भी छोटे मानसून सत्र को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने – सामने है. छोटे मानसून सत्र में जनता से जुड़े बड़े मामलों का सदन में आने की संभावना है, पर ये तभी संभव हो पायेगा जब सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से संचालित होगी.

झारखंड में 29 जुलाई से मानसून सत्र का आगाज होने जा रहा है. इस बार मानसून सत्र 5 अगस्त तक संचालित होगा. मतलब मात्र 6 दिनों का कार्य दिवस. सरकार चाहे जिस किसी भी दल या गठबंधन की हो, एक साल में सदन की कार्यवाही 40 से 45 दिन तक ही चल पाती है. इस बार भी झारखंड की जनता से जुड़े सवालों की कोई कमी नहीं है, पर जनता के सवाल को सदन के पटल तक आने के लिये समय नहीं है. राज्य की मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के विधायक सीपी सिंह के अनुसार खनन लीज से लेकर गिरती कानून व्यवस्था को लेकर तैयारी पूरी है. लेकिन बीजेपी विधायकों को भी पता है कि सदन का संचालन कम और स्थगन की तस्वीर ज्यादा देखने को मिलेगी. सीपी सिंह के अनुसार हर साल 60 दिनों तक का सत्र संचालन होना चाहिये.

मानसून सत्र के तीसरे दिन यानी कि 2 अगस्त को सदन में अनुपूरक बजट पेश होगा. पहले दिन शोक प्रस्ताव के बाद हर दिन प्रश्नकाल के लिये अवधि तय किया गया है. मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार ने भी मानसून सत्र को लेकर तैयारी पूरी कर ली है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम का कहना है कि छोटे सत्र को भी उपयोगी बनाया जा सकता है. बशर्ते की सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष को जनता से जुड़े सवाल को सदन के पटल आने देना होगा. सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिये तैयार है.

झारखंड में विधानसभा सत्र के इतिहास को देखे तो काम कम और हंगामा ज्यादा की हकीकत सामने आएगी. सदन में कभी विपक्ष का सदन नहीं चलने देना, तो कभी सत्ता पक्ष का विधायकों के सवाल से भागना हंगामे की मुख्य वजह बन जाती है.

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