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रांची। रांची लैपटॉप, टू व्हीलर और घर निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है. धोखाधड़ी का आरोप ओरमांझी थाना क्षेत्र के चुटू नीमटांड़ निवासी सेनविल श्रीवास्तव पर लगा है. सेनविल की कंपनी ‘इसट्रूजोन एडुटेक सर्विस ओपीएस प्रालि’ का ऑफिस राजधानी के डिप्टीपाड़ा स्थित आदिवासी हॉस्टल के सामने था, जो अब बंद हो चुका है. आरोप है कि उसने 40 हजार रुपये का लैपटॉप 12800 में, 80 हजार की बाइक 44900 में, 60 से 65 हजार की स्कूटी 46 हजार में देने का झांसा लोगों को दिया था. इसके साथ ही घर निर्माण के लिए 1,31,400 रुपये के बदले 18 लाख रुपये देने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी की है. रांची के कोकर में खोरहा टोली स्थित डॉन बास्को आइटीआइ के कर्मी जेम्स नयन टोप्पो सहित 44 कर्मचारियों ने घर निर्माण के नाम पर 50,80,800 रुपये की धोखाधड़ी का केस सदर थाना में दर्ज कराया था. इसमें सेनविल श्रीवास्तव सहित अन्य को नामजद किया गया था. जैसे-जैसे मामले की जांच आगे बढ़ रही है, नये-नये खुलासे हो रहे हैं.
सेनविल ने डॉन बास्को आइटीआइ के कर्मचारियों को झांसा दिया कि उसकी संस्था लोगों के जीवन में बदलाव लाना चाहती है. इसलिए अगर वे लोग 1,31,400 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से जमा करायेंगे, तो इसके बदले एक साल बाद वह 18 लाख रुपये देगा. इस पैसे का उपयोग वह घर निर्माण में कर सकेंगे. इस झांसे में आकर कर्मचारियों ने तीन-चार साल पूर्व सेनविल को पैसे दे दिये. किसी ने बैंक के जरिये ट्रांसफर किया, तो किसी ने नकद राशि दी. 44 कर्मचारियों को बदले में एक रुपये भी सेनविल श्रीवास्तव ने नहीं लौटाये. बाद में जब कर्मचारियों ने उस पर पैसा लौटाने या घर निर्माण के लिए पैसा देने का दबाव बनाया, तो सेनविल ने लिखित में समझौता किया कि वह 1,31,400 रुपये के बदले दोगुना राशि यानी 2,62,800 रुपये लौटायेगा. लेकिन उसने एक पैसा भी नहीं लौटाया.
सदर थाना रांची को दिये आवेदन में गुमला के बसिया थाना क्षेत्र के बनई गांव निवासी विलियम इंदवार ने भी शिकायत की है. उन्होंने कहा है कि होंडा शाइन बाइक देने के नाम पर सेनविल श्रीवास्तव ने उनलोगों के साथ धोखाधड़ी की. सेनविल ने उनलोगों को कहा कि 80 हजार रुपये की होंडा शाइन बाइक सिर्फ 44,900 रुपये में देगा. झांसे में आकर विलियम इंदवार, शानमेंदरा सोरेंग, बसिल टेटे, राजेश कंडुलना, मनोहर मिंज, रंजीत मिंज और नेलसन हासा पूर्ति ने सेनविल की कंपनी इसट्रूजोन एडुटेक सर्विस ओपीएस प्रालि, रांची के एसबीआइ के खाते में उक्त राशि ट्रांसफर की. इसके अलावा अर्जुन साव ने 44900 रुपये कोटक महिंद्रा बैंक लालपुर के खाते में ट्रांसफर किये थे. उक्त राशि 2018-2019 में दी गयी थी, लेकिन आज तक किसी को न तो बाइक मिली, न ही पैसे लौटाये गये.
रांची के सदर थाना क्षेत्र के लीची बगान निवासी अपोलिना टोप्पो ने भी मामले में डीएसपी से शिकायत की है. कहा है कि इन्होंने तीन साल पहले घर निर्माण की बात कह कर रुफीना ममता खलखो, वंदना लकड़ा, भलेरिया सोरेंगे से 1,31,400 - 1,31,400 रुपये लेकर सेनविल श्रीवास्तव को दिये थे. इसके अलावा स्कूटी व लैपटॉप के लिए रोस पूनम मिंज, माग्रेट किंडों, मरिया गोरेटी तिर्की व पल्लवी कैथरीन एक्का से 46-46 हजार रुपये, वहीं वंदना लकड़ा से 58800, रुफीना ममता खलखो, विल्सन टोप्पो व रिया लकड़ा से 12800-12800 रुपये लेकर सेनविल श्रीवास्तव को दिये थे, लेकिन किसी को भी घर निर्माण के लिए 18 लाख, स्कूटी या लैपटॉप नहीं मिला.
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