झारखंड

FPO: लेमन ग्रास से लेकर मशरूम तक की खेती से जबरदस्त हो रही किसानों की आमदनी

Gulabi Jagat
26 Jun 2022 7:24 AM GMT
FPO: लेमन ग्रास से लेकर मशरूम तक की खेती से जबरदस्त हो रही किसानों की आमदनी
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लेमन ग्रास से लेकर मशरूम तक की खेती
झारखंड में किसान उत्पादक संगठन (FPO) किसानों के लिए बेहतर आय का जरिया बन रहे हैं. इसके जरिए राज्य में कृषि को मजबूती मिल रही है. कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में और उत्पदान में सुधार हो रहा है और किसानों की आय दोगुनी (Farmers Income) हो रही है. गोड्डा जिले का हरगोरी कृषक उत्पादन संगठन लिमिटेड भी गोड्डा जिले के किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है. फिलहाल यह एफपीओ गोड्डा जिले के तीन प्रखंडों गोड्डा, पोड़ेयाहाट और पत्थरगामा में कार्य कर रहा है. इस एफपीओ के गठन से इलाके के किसानों को काफी राहत मिली है और वैसे किसान जो आर्थिक और तकनीकी तौर पर पिछले हुए थे, वह भी अब आधुनिक खेती कर रहे हैं.
हरगोरी कृषक उत्पादन संगठन लिमिटेड की शुरुआत लगभग तीन साल पहले हुई थी. फिलहाल इस संगठन से 300 किसान जुड़े हुए हैं. जल्दी ही इममें नए सदस्यों को जोड़ने की योजना पर कार्य किया जा रहा है. इस खरीफ सीजन (Kharif Season) के खत्म होने तक इस एफपीओ से लगभग 1000 किसानों को जोड़ने की योजना पर कार्य चल रहा है. इस एफपीओ के जरिए फिलहाल गोड़्डा में 600-700 एकड़ में खेती की जा रही है. हालांकि शुरुआत में कोरोना के कारण इसके विस्तार का काम देरी से शुर हुआ. एफपीओ से जुड़े किसानों को आर्थिक मदद के साथ-साथ तकनीकी जानकारी भी दी जाती है. इससे किसान लाभान्वित हो रहे हैं.
लेमन ग्रास की करते हैं खेती
हरगोरी कृषक उत्पादन संगठन लिमिटेड के सीइओ अमरेंद्र कुमार अमर बताते हैं कि यहां के भौगोलिक स्थिति और मौसम को देखते हुए एफपीओ के किसानों द्वारा लेमनग्रास की खेती भी करायी जा रही है. बाजार में इसकी अच्छी मांग को देखते हुए इसकी खेती करने का फैसला किया गया है. फिलहाल 100 एकड़ में लेमन ग्रास की खती की गई है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अधिकांश जमीन पठारी है इसके कारण यहां लेमन ग्रास की खेती से बेहरत परिणाम मिल सकता है. इसके कारण किसानों को इससे जोड़ा जा रहा है.
सब्जी और दलहन फसलों की खेती
एफपीओ से जुड़े किसान सब्जियं की भी खेती कर रहे हैं. बारिश के मौसम में भी किसान सब्जी बेचकर पैसे कमा सकें इसलिए ऊपरी जमीन में सब्दी की खेती की जाती है. कद्दू, खीरा, करैला जैसी लत्तरदार सब्जियों की खेती करने के लिए मचान बनाया जाता है. इममें उपजाए गए सब्जियों की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है. इसके साथ ही एफपीओ द्वारा 60 एकड़ में मूंग की खेती भी करायी गयी थी. विराट किस्म की मूंग की काफी अच्छ पदैावार अच्छी हुई है. अमरेंद्र कुमार अमर ने बताया कि पांच बीघा जमीन में गजेंद्र ओल के किस्म की खेती की गयी है. उन्हें उम्मीद है कि लगभग 20 टन का उत्पादन हासिल कर लेंगे. रसायन मुक्त खेती करते हैं. सिंचाई के लिए फिलहाल 100 एकड़ जमीन में ड्रिप लगा हुआ है.
किसानों को मिला फायदा
अमरेंद्र कुमार बताते हैं कि क्षेत्र में किसान काफी मेहनती है. अच्छी खेती करना चाहते हैं, नकनीकी जानकारी के अभाव, उचित मार्गदर्शन और पूंदी नहीं हो पाने के कारण अच्छी खेती नहीं कर पाते हैं. पर अब एफपीओ के माध्यम से किसानों को तमाम तरह की सुविधाएं मिल रही है. उन्नत किस्म से बीज मिल रहे हैं सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है. इसका किसानों को फायदा हो रहा है. उन्होंने मांग रखी की राज्य में किसानों के लिए एक मिमिट का आयोजन होना चाहिए, ताकि राज्य भर के किसान एक मंच पर आ सके और एकजुट होकर अपनी समस्याओं पर चर्चा कर सके और उसका समाधान निकाला जा सके.
Gulabi Jagat

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