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रांची (आईएएनएस)। झारखंड के देवघर में स्क्रब टाइफस के चार संदिग्ध मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। इन मरीजों का इलाज निजी क्लीनिकों में चल रहा था। वहां मरीजों में स्क्रब टाइफस के लक्षण मिलने के बाद इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने टीम भेजकर मरीजों का सैंपल कलेक्ट कराया है।
चारों मरीज जसीडीह और मोहनपुर के रहने वाले हैं। स्क्रब टाइफस बीमारी जिस बैक्टीरिया से फैलती है, वह चिगर्स नामक कीड़े के लार्वा के संपर्क में आने से होती है। यह कीड़ा झाड़ी वाले इलाकों में प्रजनन करता है, इसलिए इस बीमारी को बुश टाइफस भी कहा जाता है।
स्क्रब टाइफस का संक्रमण बेहद गंभीर माना जाता है। बुखार, सिर दर्द, ठंड लगना, शरीर में चकत्ता, जोड़ों में दर्द जैसे लक्षणों के साथ होने वाली इस बीमारी में श्वसन तंत्र, गुर्दा और मस्तिष्क प्रभावित होता है और कई बार मरीज कोमा में चला जाता है।
पिछले साल झारखंड के सिमडेगा में भी यह बीमारी फैली थी। इधर झारखंड में डेंगू और मलेरिया भी कहर बरपा रहा है। सोमवार तक राज्य में डेंगू के एक्टिव मरीजों की संख्या 854 थी। डेंगू के लक्षणों से पीड़ित दो लोगों की मौत भी हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इन मौतों को आधिकारिक तौर पर डेंगू से मौत नहीं माना है।
मंगलवार को भी डेंगू के लगभग 20 मामले सामने आए हैं। अकेले रांची के रिम्स और सदर हॉस्पिटल में डेंगू के 40 से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की वेक्टर बांड डिजिज (वीबीडी) शाखा के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में दो हफ्ते में डेंगू के मरीजों की संख्या में तीन गुना इजाफा हुआ है।
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