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झारखण्ड। आशीर्वाद अग्निकांड के आठ दिन गुजर गए. आग की तपिश शांत हो चुकी है. आसपास की दुकानें खुल चुकी हैं. पीड़ित परिवार द्वारा किए जा रहे श्राद्ध कर्म की क्रिया भी अंतिम चरण में हैं. कुल मिला कर जनजीवन सामान्य होने लगा है, लेकिन घटना के इतने दिनों के बाद भी फ्लैट में रहने वाले बच्चों के मन मानस से उस रात का खौफनाक दृश्य ओझल नहीं हो रहा. बच्चे इस सदमे से बाहर नहीं निकल पाए हैं.
फ्लैट ओनर रोहित खरकिया बताते हैं कि घटना के दिन दर्जनों बच्चों को कमरे से, सीढ़ी से रेस्क्यू कर आग और दमघोटूं धुएं से बाहर निकाला गया था. बच्चों ने पूरा मंजर आंखों से देखा और झेला है. उनकी आंखों में आज भी वह दृश्य घूम रहा है. घटना के बाद टावर के ए ब्लॉक को चालू कर दिया गया लेकिन अब भी बी ब्लॉक में रहनेवाले लोग अपने रिश्तेदार, होटल और धर्मशाला में रह रहे हैं.
बी ब्लॉक के पांचवें तल्ले पर रहनेवाले हनी राजपाल कहते हैं कि घटना के बाद अपने रिश्तेदार के यहां रहे रहे हैं. दो बच्चे हैं. करलीन कौर कार्मेल स्कूल में दूसरी की छात्रा है और अस्मित कौर पांचवीं में पढ़ती है. मेरी दोनों बच्चियां मेधावी हैं, लेकिन घटना ने इनके मन मस्तिष्क पर इतना गहरा असर डाला है कि न पढ़ाई में ध्यान केंद्रित हो रहा और न ढंग से बच्चे परीक्षा दे पा रहे हैं. फ्लैट में रहनेवाले शेखर मोदी का अपार्टमेंट के बाहर ही दुकान है. दुकान के कैंपस में ही सपरिवार डेरा डाल रखा है. उनके बच्चे आर्शी मोदी कार्मेल में चौथी और बेटा आकर्ष डिनोबिली में केजी वन में है. परिजन बताते हैं कि परीक्षा चल रही है लेकिन बच्चों पर इसका गहरा असर पड़ा है. स्कूल से मदद मिली है, अगले ही दिन मैसेज कर बताया गया कि अगर बच्चे के पास ड्रेस नहीं है तो कैजुअल ड्रेस में भी परीक्षा देने आ सकते हैं. नोट्स के माध्यम से भी क्लास टीचर ने मदद की. झारूडीह में अपने रिश्तेदार के यहां रह रही जीजीपीएस में दसवीं कक्षा की छात्रा शगुन वर्णवाल कहती है कि घटना के दिन मां-भाई के साथ कमरा बंद कर सभी बालकोनी में चले गए. पापा नीचे थे. बार-बार फोन पर हमारी चिंता कर रहे थे. काफी खौफनाक दृश्य था. रेस्क्यू टीम जब हमें लेने लाई और हमें लेकर वापस जब सीढ़ियों से नीचे उतरा, वह दृश्य हमेशा आसपास ही घूमता है. बोर्ड परीक्षा है, काफी किताबें वहीं छूट गईं.झारखण्ड न्यूज़ डेस्क, पुलिस ने बर्मामाइंस के स्क्रैप कारोबारी विनय जायसवाल की हत्या करने आए चार शूटरों को गिरफ्तार किया है. सभी रांची के होटवार जेल में बंद सोनू सिंह गिरोह के सदस्य हैं.
रांची जेल में बंद उपेंद्र सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी सोनू सिंह ने अपने चार शूटरों को कारोबारी की हत्या के लिए जमशेदपुर भेजा था. एटीएस को इसकी भनक लग गई और तुरंत ही इसकी सूचना पूर्वी सिंहभूम के एसएसपी प्रभात कुमार को दी.
एसएसपी ने जमशेदपुर में घेराबंदी कर अपनी टेक्निकल टीम के माध्यम से सुराग लगाते हुए उन चारों शूटरों को गिरफ्तार करवा लिया. वे विनय जयसवाल की हत्या करने जाने वाले थे. उनके पास से एक देसी कट्टा और गोली बरामद की गई है. गिरफ्तार आरोपियों में एक राजू प्रसाद है, जिसकी 18 फरवरी को शादी है. राजू सहित चार लोगों को इस साजिश में जेल भेज दिया गया. इस मामले में सोनू सिंह सहित पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
पुलिस की टीम में ये थे शामिल इंस्पेटर अजय कुमार, एएसआई विजय कुमार, संतोष कुमार चौबे, संजय कुमार यादव, आरक्षी विनय पांडेय, सरोज कुमार मिश्रा, संजय कुमार यादव, धीरज कुमार, मुनी कुमार व अन्य.
इनकी हुई गिरफ्तारी एसएसपी प्रभात कुमार ने कार्यालय स्थित सभागार में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उन्हें रांची एटीएस से एक सूचना मिली, जिसमें जमशेदपुर के एक कारोबारी की हत्या की साजिश रचने की बात थी. इसके बाद पुलिस टीम का गठन किया गया और अलग-अलग स्थानों पर दबिश देकर चारों को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के लिए सिटी एसपी के विजय शंकर के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था, जिसमें सिटी एसपी सुभांशु जैन भी शामिल थे.
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