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पूर्व विधायक योगेंद्र साव को मिली बेल
Ranchi: झारखंड के बहुचर्चित बड़कागांव गोली कांड में पूर्व विधायक योगेंद्र साव को झारखंड हाईकोर्ट से बल मिल गया है. उनके जेल से बाहर निकलने के पूरे आसार हैं. पिछले दिनों दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसके बाद आज अदालत ने फैसला सुनाया और योगेंद्र साव को बेल मिल गया. रांची व्यवहार न्यायालय के अपर न्यायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत फैसला सुनाया. इस मामले में योगेंद्र साव को निचली अदालत से 10 साल की सजा मिली है. यह सजा मार्च 2022 में उन्हें मिली थी
मालूम हो कि हजारीबाग के बड़कागांव गोली कांड मामला वर्ष 2016 में दर्ज किया गया था. वर्ष 2015 में हजारीबाग के बड़कागांव के चिरूडीह गांव में कफन सत्याग्रह आंदोलन चलया रहा था. पुलिस प्रशासन लगातार आंदोलन खत्म करना चाह रहा था. इस बीच आंदोलन उग्र हो गया था. प्रदर्शनकारियों ने खनन कार्य में लगी मशीनें रोक दीं, जिसके बाद बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया. इस गिरफ्तारी के विरोध में ग्रामीण उग्र हो गए थे. पुलिस ने ग्रामीणों पर फायरिंग कर दी थी. जिसमें कई ग्रामीणों की मौत हो गई थी.
सात सालों में पहली खुशी मिली: विधायक अंबा
इस मामले पर न्यूज विंग ने योगेंद्र साव की बेटी बड़कागांव विधायाक अंबा प्रसाद से बात की. अंबा ने कहा कि सात सालों पहली बार कोई खुशखबरी मिली है. इस बेल के बाद मेरे पिता जो सालों से जेल में संघर्ष कर रहे थे, उनके बाहर आने का रास्ता साफ हो गया. अंबा ने कहा कि जनता की लड़ाई की वजह से मेरे माता-पिता को दो साल झारखंड से बाहर रहना पड़ा. सलाखों के पीछे भी रहे. लेकिन हिम्मत नहीं टूटी. मेरा परिवार आगे भी जनता के लिए जरुरत पड़ने पर संघर्ष से पीछे नहीं हटेगा.
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