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झारखंड : वर्ष 2022 में झारखंड विधानसभा का घेराव से जुड़े दर्ज एक मामले में सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो ने कोर्ट में सरेंडर किया। सरेंडर करने के बाद कोर्ट ने पूर्व विधायक को जेल भेज दिया। इसके तुरंत बाद ही उन्होंने जमानत याचिका भी दाखिल की। बता दें कि अमित महतो ने एक अन्य मामले में भी कोर्ट में सरेंडर किया। उस मामले में कोर्ट कोर्ट ने उनको दो साल की सजा सुनाई थी और जिस वजह से उनकी विधानसभा सदस्यता भी चली गई थी। हालांकि बाद में कोर्ट ने सजा को घटाकर एक साल कर दिया था। बता दें कि सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो कोर्ट में सरेंडर करने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी थी, कि वे आज सरेंडर करने वाले हैं। उन्होंने बताया था कि कि 2006 के सोनाहातू सीओ मामले और 2023 में विधानसभा घेराव मामले में सरेंडर करेंगे।
सरकार डरती है मुझसे
अमित महतो ने कहा कि 2006 के मामले में साजिश के तहत फंसाया गया। जिस वजह से उनकी विधायकी चली गई। 3 अगस्त 2022 को विधानसभा घेराव का कार्यक्रम था। इसे लेकर सरकार की तरफ से मुकदमा किया गया। इस मामले में जमानत नहीं मिली। अमित महतो ने कहा कि मैं गलत का विरोध करता रहूंगा । चाहे कितनी बार भी जेल जाना पड़े। सरकार को मुझसे डर लगता है। इस वजह से जेल भेजा जा रहा है। अमित महतो ने कहा कि सरकार सत्ता में मगरूर है। हमने झारखंडी खतियानी पार्टी की तरफ से पूरे प्रदेश में मैराथन दौड़ किया गया। हमारी मांग है कि खतियान के आधार पर स्थानीय और नियोजन नीति बने। झारखंड गठन के बाद अब तक पूरा सम्मान नहीं मिला। झारखंड गठन खतियान धारी के लिए हुआ है।
विधानसभा मामले में गये थे हाईकोर्ट
बता दें कि 2022 में विधानसभा घेराव कार्यक्रम में अमित महतो ने भी भाग लिया था। जिसके बाद अमित महतो सहित अन्य कई लोगों के खिलाफ धुर्वा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी, लेकिन उच्च न्यायलय ने इसे खारिज कर दिया था। जिसके बाद आज अमित महतो ने सिविल कोर्ट में सरेंडर किया।
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