झारखंड

धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड : संजीव सिंह का बयान दर्ज, कहा- रंजि‍श के तहत मुझे फंसाया

Rani Sahu
16 July 2022 7:58 AM GMT
धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड : संजीव सिंह का बयान दर्ज, कहा- रंजि‍श के तहत मुझे फंसाया
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पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को अदालत ने आरोपितों का सफाई बयान दर्ज किया

Dhanbad : पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को अदालत ने आरोपितों का सफाई बयान दर्ज किया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई. सबसे पहले संजीव सिंह का बयान दर्ज किया गया. इसके बाद रोहित उर्फ चंदन सिंह और बिनोद सिंह का बयान दर्ज किया गया.

इस दौरान आरोपित पूर्व विधायक संजीव सिंह के अधिवक्ता मो. जावेद में अदालत से निवेदन किया कि उन्हें लिखित में अपना सफाई बयान देने की अनुमति दी जाए. इसका विरोध अपर लोक अभियोजक कुलदीप शर्मा ने किया. अदालत ने इसे नकारते हुए पहले बयान दर्ज करने का फैसला किया. सभी ने खुद को निर्दोष बताया और झूठा आरोप लगाकर मुकदमे में फंसाने की बात कही. यहां बता दें कि अब तक इस मामले में आठ आरोपितों का सफाई बयान दर्ज किया जा चुका है. शेष तीन आरोपित अमन सिंह, पंकज सिंह एवं सागर सिंह का बयान दर्ज करने के लिए 18 जुलाई की तारीख निर्धारित की गई है.
संजीव से न्यायधीश ने 38 मिनट तक नौ सवाल पूछे
पूर्व झरिया विधायक संजीव सिंह से न्यायधीश ने 38 मिनट तक नौ सवाल पूछे. न्यायाधीश ने संजीव से पूछा कि क्या सभी आरोपितों ने एकमत होकर हत्या की साजिश रची. स्टील गेट के समीप गाड़ी की गति धीमे होते ही गाड़ी को घेर लिया गया तथा गोली मारकर चारों की हत्या कर दी गई. आदित्य राज को गोली मारकर जख्मी कर दिया गया और आप मोटरसाइकिल पर पिंटू सिंह के साथ हथियार लेकर भाग गए. इसके जबाव में संजीव ने कहा कि यह आरोप गलत है. घटना के वक्त मैं झरिया का विधायक था. सरकार ने मुझे धनबाद जिला बल के चार जवान एवं एक हवलदार की सुरक्षा दी थी. साथ ही जैप के छह जवान और एक हवलदार भी मेरी सुरक्षा में तैनात थे. इन सभी जवानों के साथ मैं घटना के समय, घटना के पहले और घटना के बाद में भी अपने आवास सिंह मैंशन में था.
अदालत ने पूछा कि घटनास्थल पर आप घटना के वक्त अन्य आरोपितों के साथ मौजूद थे. हत्या हो जाने के बाद आप पिंटू सिंह के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर हथियार के साथ सिंह मेंशन भाग गए. जबाव में संजीव ने कहा कि यह झूठा आरोप है. पुलिस ने अनुसंधान के बाद कोर्ट को सौंपी चार्जशीट में मुझे घटनास्थल पर नहीं बताया है. न ही यह कहा है कि मैं मोटरसाइकिल से भाग गया.

अदालत ने पूछा कि नीरज सिंह संपत्ति की बात करने के लिए कुंती निवास गए थे. इसी बीच आप आ गए और उग्र हो गए जिस कारण आपके व्यवहार से नाखुश होकर नीरज सिंह वापस चले गए थे. राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और अदावत के कारण आपने अपने सहयोगियों के साथ नीरज की हत्या करवा दी. इसके जबाव में संजीव सिंह ने कहा कि हमारे बीच में कोई संपत्ति और पारिवारिक विवाद नहीं था. यह सरासर गलत बात है.

अदालत ने पूछा, गवाह एकलव्य सिंह ने अपने बयान में कहा है कि चुनाव में नीरज सिंह ने आपको कड़ी टक्कर दी थी. वह आपकी आंख में कांटे की तरह चुभ रहे थे. इसी कारण आपने उनकी हत्या करवाई? जबाव में संजीव ने कहा कि यह सरासर झूठा आरोप है. मैंने चुनाव 34 हजार वोटों से जीता था.

अदालत ने पूछा, अभिषेक सिंह का यह बयान है कि आप पिंटू सिंह के साथ मोटरसाइकिल से जा रहे थे. रास्ते में उन्हें रुकने का इशारा किया और कहा कि तुम्हारे भाई को मार दिए हैं. अब तुम लोगों की बारी है. जिसपर संजीव सिंह ने कहा कि यह आरोप गलत है. मैं उसे जानता भी नहीं हूं. पिंटू सिंह से मेरा आज तक कोई संपर्क नहीं रहा.

अदालत ने पूछा गवाहों ने बताया कि घटना के दिन आप के इशारे पर महंत पांडेय, गया सिंह, कुर्बान अली, रोहित सिंह, अमन सिंह और सागर ने अंधाधुंध गोली चलाकर नीरज व अन्य की हत्या कर दी. उसके बाद शूटरों ने आपसे कहा "चल हो संजीव भईया, सब मर गईल" . संजीव सिंह ने आरोप को सरासर गलत बताया, कहा कि व्यक्तिगत तौर पर मैं केवल संजय सिंह एवं धनंजय सिंह को ही जानता हूं. अन्य को मैं जानता, पहचानता नहीं हूं. गया सिंह और महंत पांडे इस मामले में चार्जशीटेड नहीं हैं.

अदालत ने पूछा कि हत्या में शामिल अन्य लोगों के साथ आपके मोबाइल से संपर्क स्थापित हुआ है. मोबाइल सीडीआर से यह पता चलता है कि आप हत्या की घटना में उनकी मदद करने में शामिल थे और आप के इशारे पर हत्या हुई. जबाव में संजीव सिंह ने आरोप को गलत करार दिया. कहा कि मेरे मोबाइल से किसी आरोपित से संपर्क स्थापित नहीं हुआ है.

अदालत ने अंत में संजीव सिंह से कहा कि आपको अपनी सफाई में क्या कहना है. जिसके जबाव में संजीव ने कहा कि सूचक अभिषेक सिंह और उनके परिवार के लोग मुझसे रंजिश रखते थे. इसी कारण सूचक और उनके परिवार के लोगों ने कांड के अनुसंधानकर्ता के साथ षड्यंत्र कर मुझे इस मामले में झूठा फंसाया है. मैं अपने सफाई में और बातें लिखित रूप से दूंगा.

इसके बाद रोहित सिंह का बयान दर्ज किया गया. अंत में विनोद सिंह का बयान दर्ज किया गया. आरोपित रोहित उर्फ चंदन सिंह से न्यायाधीश ने पूछा कि गवाह आदित्य राज ने गाड़ी की लाइट में आपको गोली चलाते हुए व्यक्ति के रूप में पहचान किया था. जवाब में चंदन ने कहा कि वह आज तक धनबाद नहीं आया था. पुलिस ने उसे उसके यूपी स्थित घर से उठाकर लाया था. उसकी किसी भी आरोपित के साथ मोबाइल पर कभी बात नहीं हुई. वह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता है. वह अन्य शूटरों के साथ राम अहलाद राय के मकान में भी कभी नहीं रहा. अदालत द्वारा यह पूछे जाने पर कि राम अहलाद राय के मकान में लगे बल्ब पर उसके फिंगरप्रिंट के निशान मिले हैं. इस पर चंदन ने कहा कि यह गलत है. उसका नाम चंदन सिंह है. पुलिस ने उसका नाम रोहित रख दिया है.

वहीं आरोपित विनोद सिंह ने कहा कि पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल जब्त किया था, परंतु उसने कभी भी डबलू मिश्रा व अन्य लोगों से बातचीत नहीं की. उसने पुलिस के समक्ष कभी अपना दोष स्वीकार नहीं किया था. उसने अपराधियों तक किसी सूचना का आदान-प्रदान नहीं किया. पुलिस ने थाने में जब्ती सूची बनाई और जबरन उससे कई कागजातों पर दस्तखत करा लिया था.


Rani Sahu

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