धनबाद न्यूज़: पूर्वी सिंहभूम के 612 उपभोक्ताओं को तीन साल से न्याय का इंतजार है. सदस्यों के अभाव में उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग जमशेदपुर में 2018 से अक्तूबर 2021 तक सुनवाई ठप रही. नवंबर 2021 से सुनवाई शुरू हुई तो 239 मामलों का निपटारा हुआ. अब हर महीने औसतन 10 से 12 मामलों का निपटारा किया जा रहा है. लंबे समय बाद पूर्वी सिंहभूम के उपभोक्ताओं को राहत मिलनी शुरू हुई है.
जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट, मापतौल में गड़बड़ी, मनमानी कीमत वसूलना, बगैर मानक वस्तुओं की बिक्री, ठगी, सामान की बिक्री के बाद गारंटी अथवा वारंटी के बावजूद सेवा प्रदान नहीं करने जैसी समस्याओं से ग्राहकों का सामना अक्सर होता रहता है. ऐसी ही समस्याओं से उन्हें निजात दिलाने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रति वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है. यदि उपभोक्ताओं का शोषण होने और ऐसे मामलों में उनके द्वारा उपभोक्ता अदालत की शरण लेने के बाद मिले न्याय के कुछ मामलों पर नजर डालें तो स्पष्ट हो जाता है कि उपभोक्ता अदालतें उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए कितना बड़ा काम कर रही हैं. एक उपभोक्ता राकेश कुमार सोनारी ने एक दुकान से बिजली का पंखा खरीदा, लेकिन एक वर्ष की गारंटी के बावजूद थोड़े ही समय बाद पंखा खराब होने पर भी जब दुकानदार उसे ठीक कराने या बदलने में आनाकानी करने लगा तो उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया और उसे न्याय भी मिला. इसी तरह एक नामी-गिरामी कंपनी से कार खरीदने वाले नवीन कुमार महीनों शोरूम का चक्कर लगाते रहे, जब उन्हें राहत नहीं मिली तो अदालत के निर्देश पर उनकी कार बदलकर नई कार दी गई. अधिवक्ता रंजना मिश्रा ने कहा कि जब हम कुछ खरीदते हैं तो हमें चाहिए कि पावती रसीद अवश्य ले लें, क्योंकि वही एक चीज है, जिसके सहारे प्रत्येक उपभोक्ता अपना अधिकार प्राप्त कर सकता है. इसके बारे में लोगों को जागरूक होना होगा.