वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए स्वास्थ्य विभाग का 7040 करोड़ रुपये की अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित
राँची न्यूज़: झारखंड विधानसभा में भोजनावकाश के बाद लगभग ढाई घंटे तक चर्चा के बाद स्वास्थ्य विभाग का वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 7040 करोड़ रुपये की अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित हो गई. विपक्ष का कटौती प्रस्ताव खारिज हो गया.
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर काम कर रही है. दूसरे को उपदेश देना आसान है, लेकिन जब मिला था तो लोगों ने काम नहीं किया. राजधर्म की बात करने से लेकर गोपीचंद जासूस भी काम कर रहे हैं, लेकिन महागठंबधन की सरकार मुस्तैदी से काम कर रही है और आगे भी करेगी. अनुदान मांग पारित होने के पहले विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों ने सदन से बर्हिगमन किया.
चंद्रवंशी बोले-सालभर से स्वास्थ्य विभाग ने कोई काम नहीं किया अनुदान मांग पर भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने कटौती प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि साल भर में स्वास्थ्य विभाग में कोई काम नहीं हुआ. आयुष्मान कार्ड योजना के नाम पर सिर्फ फर्जीवाड़ा है. जिसका राशन कार्ड भी नहीं है उसका गोल्डन कार्ड बन रहा है. पूर्व की सरकार फर्जीवाड़े पर कार्रवाई करती थी, लेकिन इस सरकार में एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है.
झारखंड रेफर टू रिम्स होकर रह गया है समरी
विधायक समरी लाल ने कहा कि झारखंड रेफर टू रिम्स होकर रह गया है. स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में टीएमएच और एमजीएम है, जिससे वहां के मरीज तो नहीं आते लेकिन पूरे राज्य के मरीज को रेफर टू रिम्स किया जाता है. रिम्स शोध का केंद्र है. बड़ी-बड़ी बीमारियों का इलाज होता है, लेकिन उसे भी बीमार करके रख दिया गया है.
सभी जगह पार्थिव शरीर ले जाने की व्यवस्था हो प्रदीप
विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि रिम्स से सभी जगह पार्थिव शरीर जाने की व्यवस्था की जाए. साथ ही, 108 एंबुलेंस को सभी जगह भेजने की व्यवस्था हो. हरा कार्ड तो बना दिया गया, लेकिन पांच महीने से राशन नहीं मिली है.