झारखंड

राशन कार्ड बनने के तीन माह बाद ही मिलता है खाद्यान्न

Admin Delhi 1
6 May 2023 2:16 PM GMT
राशन कार्ड बनने के तीन माह बाद ही मिलता है खाद्यान्न
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जमशेदपुर न्यू: पूर्वी सिंहभूम जिले में हरा राशन कार्ड बनाने और फिर राशन आवंटन की प्रक्रिया बेहद धीमी गति से चल रही है. यही वजह है कि आवेदन के बाद जब देर तक कार्ड जारी नहीं होता तो लोग पूछताछ करने ऑफिस पहुंचने लगते हैं. यह सिलसिला महीनों चलता है. अभी दिसंबर-जनवरी में जिनलोगों का कार्ड बन गया है, उन्हें भी राशन का इंतजार है. जिले में राशन कार्ड के तीन हजार आवेदन लंबित हैं.

विभागीय अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि कार्ड बनने के बाद आवंटन जारी होने में कम से कम तीन माह का समय लगता है. इसकी वजह से जब लोगों का कार्ड बन जाता है तो वे इस उम्मीद में आपूर्ति कार्यालय आकर पूछताछ करने लगते हैं कि उन्हें राशन कब मिलेगा. जब एक या दो महीने बीत

जाता है तो उनका सब्र जवाब देने लगता है. कई बार आपूर्ति कार्यालय यह शिकायत लेकर पहुंच जाते हैं कि कार्ड बनने के बावजूद डीलर उन्हें राशन नहीं दे रहा है. फिर अधिकारियों को उन्हें समझाना पड़ता है कि तीन माह पहले जिन्होंने आवेदन दिया है, उनका ही राशन नहीं आया है. आप थोड़ा इंतजार करें. हो सकता है अगले महीने आवंटन जा जाए.

हरे राशन कार्ड पर भी बनता है आयुष्मान कार्ड राज्य सरकार ने व्यवस्था की है कि जिनका हरा राशन कार्ड बन जाएगा, उन्हें भी आयुष्मान कार्ड प्रदान किया जाएगा. इसके लिए अलग से आवेदन करना पड़ेगा. इससे पूर्व सिर्फ पीएच और अंत्योदय कार्डधारकों का ही आयुष्मान कार्ड बनता था. इसकी वजह से हरा कार्ड बनाने को लेकर लोगों में कुछ हद तक आकर्षण बना हुआ है. आयुष्मान कार्ड बनने पर प्रति व्यक्ति पांच लाख तक कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है.

हरा कार्ड पर मिलता है सिर्फ चावल

हरे राशन कार्ड पर गेहूं नहीं मिलता है. सिर्फ चावल मिलता है. वह भी प्रति व्यक्ति पांच किलो. फिलहाल सरकार ने खाद्यान्न को निशुल्क कर दिया है. केन्द्र सरकार ने जब पीएच व अंत्योदय खाद्यान्न को निशुल्क किया तो राज्य सरकार ने भी इसे निशुल्क कर दिया. दूसरी ओर, राज्य सरकार ने प्रयोग के तौर पर चावल का पांच-पांच किलो का पैकेट बनवाना शुरू कर दिया है. इससे लाभुक संतुष्ट हैं. करीब नौ माह के अंतराल पर नवंबर का चावल बांटा गया है.

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