झारखंड

पहले मेंटेनेंस, अब फॉल्ट के नाम पर कटौती

Admin Delhi 1
19 Jun 2023 6:31 AM GMT
पहले मेंटेनेंस, अब फॉल्ट के नाम पर कटौती
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जमशेदपुर न्यूज़: गैर कंपनी इलाके में बिजली कटौती लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है. फुल लोड बिजली कहां चली जा रही है, लोगों को समझ नहीं आ रहा है. पहले बिजली विभाग ने 10 घंटे तक बिजली मेंटेनेंस के नाम पर काटी, इसके बाद अब फॉल्ट के नाम पर काटी जा रही है.

लोगों का कहना है कि बिजली विभाग को कोई न कोई बहाना चाहिए बिजली कटौती के लिए. उसे लोगों की परेशानी से मतलब नहीं है, तभी तो भीषण गर्मी में घंटों बिजली काटी जाती है.

होमवर्क को पूरा नहीं कर पा रहे विद्यार्थी बिजली कटौती से सर्वाधिक परेशानी विद्यार्थी और महिलाओं को उठानी पड़ रही है. इन दिनों गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं और छात्र-छात्राओं को स्कूल से अतिरिक्त होमवर्क मिला है. लेकिन बिजली कटौती के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. कॉलेज के छात्र-छात्राओं की प्रवेश परीक्षाएं चल रही हैं. फिर भी शाम और रात में पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है.

घरेलू कामकाज में हो रही परेशानी दिन में बिजली कटने से घरेलू कामकाज भी प्रभावित हो रहा है. मिक्सी और जूसर तक नहीं चल पा रहे हैं और रसोई का कामकाज प्रभावित हो रहा है. यहीं नहीं, रात में बिजली कटने से लोगों की नींद भी पूरी नहीं हो पा रही है. इससे लोगों में चिड़चिड़ापन और थकान की समस्या बढ़ गई है.

ब्लड प्रेशर, शुगर के मरीजों को बेचैनी

गर्मी में बिजली कटने से ब्लड प्रेशर, शुगर और अन्य मरीजों का घर में रहना मुश्किल हो जा रहा है. ऐसे में उनकी बेचैनी के साथ तबीयत खराब होने लग रही है. एक जून से गैर कंपनी इलाके में बिजली समस्या बनी हुई है और 11 जून तक हर दिन औसतन 3 घंटे की कटौती हो रही थी. इस दौरान मेंटेनेंस का काम चल रहा था. लेकिन मेंटेनेंस का काम पूरा होने के बाद भी बिजली कटौती हो रही है. हालांकि बिजली कटने का समय कुछ कम हुआ है. लेकिन 24 घंटे निर्बाध बिजली लोगों को नहीं मिल पा रही है. मानगो, सोनारी, कदमा, कीताडीह, जुगसलाई, बामनगोड़ा, बारीगोड़ा, हरहरगुट्टू, बागबेड़ा, परसूडीह, गोविंदपुर, सरजामदा, घाघीडीह, हलुदबनी, गदड़ा, राहरगोड़ा एवं अन्य गैर कंपनी क्षेत्रों में शायद ही कभी फुल लोड बिजली मिलती है.

निगम का हर माह 50 करोड़ का बकाया जेबीवीएनएल को अब उधार में बिजली नहीं मिलती है. बिजली खरीदने के लिए एडवांस में भुगतान करना पड़ता है. उपभोक्ता को दी जाने वाली बिजली के एवज में निगम का हर माह 50 करोड़ का बकाया हो रहा है. यानी महीने में जितनी बिजली उपभोक्ताओं की दी गई, उसका पूरा भुगतान समय पर नहीं हो रहा है. इसके अलावा बिजली निगम में 70 प्रतिशत अधिकारी और कर्मियों की भी कमी है. इसका असर सप्लाई और डिस्ट्रीब्यूशन पर पड़ता है.

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