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झारखंड राज्य समन्वय समिति की पहली औपचारिक बैठक 10 जून को समिति के अध्यक्ष सह सांसद शिबू सोरेन की अध्यक्षता में पूर्वाह्न 11 बजे से होगी. बैठक में सरकार के नीतिगत फैसलों और वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रमों पर गहन मंथन होगा. समन्वय समिति नीतिगत मामलों को लेकर सरकार को सुझाव देती है.
मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के संयुक्त सचिव ने बैठक की सूचना अध्यक्ष समेत सभी सदस्यों, विशेष आमंत्रित और आमंत्रित सदस्यों को भेज दी है. झारखंड सरकार ने जनभावना के अनुरूप पिछले तीन साल के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये. कई महत्वपूर्ण निर्णय लागू हो चुके हैं, लेकिन कई नीतिगत निर्णय अभी भी धरातल पर नहीं उतर पाये हैं. राजभवन ने विधानसभा से पारित कई विधेयक लौटा दिया है. जनभावना से जुड़े कई निर्णय केंद्र सरकार की मंजूरी की प्रत्याशा में लागू नहीं हो पाए हैं. समन्वय समिति इन सभी मामलों पर गंभीरतापूर्व चर्चा करेगी और सरकार को सुझाव देगी कि कैसे इन्हें धरातल पर उतारना है. समिति के सदस्य और झामुमो के वरिष्ठ नेता विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि समन्वय समिति राज्य के वर्तमान राजनीतिक हालात पर विशेष तौर पर चर्चा करेगी.
सरकार ने पिछले दिनों राज्य के अंदर निजी क्षेत्र के प्रतष्ठिानों में 75 प्रतिशत स्थानीय युवकों को नियोजन में रखने का निर्णय लिया है. इसे लेकर श्रम विभाग की ओर से पोर्टल भी जारी किया गया है. विधानसभा की विशेष समिति राज्य के हर जिला में इसकी गहन समीक्षा कर रही है. इस दिशा में अभी तक कितनी गंभीर कार्रवाई हुई, कितने स्थानीय लोगों को नियोजित किया गया, इस पर कमेटी विशेष चर्चा कर सकती है.
समन्वय समिति का गठन नवंबर 2022 में किया गया था झारखंड राज्य समन्वय समिति का गठन नवंबर 2022 में किया गया था. इसके बाद इसकी कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई थी. सदस्य विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि यह पहली बैठक हो रही है. इसके पहले अनौपचारिक रूप में सदस्य आपस में बैठक करते रहे, लेकिन औपचारिक बैठक पहली बार हो रही है.
नियोजन और स्थानीयता नीति संबंधी विधेयक पर विशेष चर्चा होगी
समिति के सदस्य विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार ने जनभावना के अनुरूप नियोजन और स्थानीयता की नीति से संबंधित विधेयक पारित किया, लेकिन राजभवन से ऐसे विधेयकों को लौटा दिया गया है. समन्वय समिति इन विषयों को लेकर भी मंथन करेगी कि आखिर जनहित और जनभावना से जुड़ी इन नीतियों को कैसे लागू किया जाए. सरकार ने विधानसभा सरना धर्म कोड लागू करने के विए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा है. केंद्र सरकार ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है. यह भी समिति के चर्चा का विषय होगा. समन्वय समिति की यह बैठक कई लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण होगी, जिसमें राज्य की बेहतरी के लिए नीतिगत हर मामले पर मंथन के बाद सरकार को सुझाव दिया जाएगा.
कौन-कौन हैं सदस्य और आमंत्रित सदस्य
राज्य समन्वय समिति में नौ सदस्य हैं. राज्यसभा के सांसद शिबू सोरेन समिति के अध्यक्ष हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, झामुमो के विनोद कुमार पांडेय, विधायक सरफराज अहमद और योगेंद्र प्रसाद इसके सदस्य हैं. इन्हें मंत्री का दर्जा प्राप्त है. इनके अलावा मंत्री आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता विशेष आमंत्रित सदस्य तथा कांग्रेस नेता बंधु तिर्की आमंत्रित सदस्य हैं.
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