अग्निशमन विभाग को खुद ऑडिट की जरूरत, अग्निशमन के पास मैन पावर न संसाधन
धनबाद न्यूज़: आशीर्वाद अग्निकांड मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सभी बहुमंजिली इमारतों के फायर ऑडिट कराने का आदेश दिया है. इसको लेकर विभाग भी रेस है और कार्रवाई की तैयारी के लिए कमर कस ली है, लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि धनबाद अग्निशमन विभाग को खुद ऑडिट की जरूरत है.
जब अग्निशमन विभाग की टीम आशीर्वाद टावर का फायर ऑडिट कर रही थी, तो उस समय वहां उन्हें लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. दरअसल, वहां दमकलकर्मी सीढ़ी की मापी कर रहे थे. लोगों ने ठीक से मापी नहीं करने का आरोप लगाया, तो दमकलकर्मी उनपर बिफर पड़े. इसके बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और कहा कि हमारे यहां फायर फाइटिंग की समुचित व्यवस्था थी, लेकिन विभाग के पास क्या व्यवस्था है. दमकल का पानी दो मंजिल तक भी नहीं पहुंच पाया, जब आग लगी, तो बगैर सीढ़ी और बगैर उपकरण के पहुंचे. इसके बाद बीच-बचाव कर अन्य लोगों ने मामला शांत कराया.
धनबाद अग्निशमन विभाग के पास न तो मैन पावर है और न ही संसाधन. धनबाद में गगनचुंबी इमारतें बनकर तैयार हैं, लेकिन न तो विभाग के पास संसाधन मौजूद है और न ही मैन पावर है. स्थिति है कि यहां दमकल की गाड़ी तो छह हैं, लेकिन चालक महज पांच हैं.
हाइड्रोलिक दमकल की मांग आशीर्वाद अग्निकांड के बाद हाइड्रोलिक दमकल की लगातार मांग हो रही है. आम से लेकर खास तक डीसी को पत्र लिखकर धनबाद में हाइड्रोलिक दमकल मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं. वहीं अग्निशमन प्रभारीलक्ष्मण प्रसाद ने बताया कि निश्चित रूप से अग्निशमन विभाग में संसाधन की कमी है, लेकिन जो भी संसाधन हैं, उसमें बेहतर का प्रयास रहता है. हाल के अग्निकांड में हमारे कई जवान भी जख्मी हो गए.
इसके बावजूद जवानों ने जान पर खेलकर लोगों की जान बचाई.
साइट इंचार्ज 100 फीट ऊंचे पोल पर फंसा था
आईआईटी आईएसएम में बीते दिनों हाई मास्ट लाइट की जांच के दौरान फिलिप्स कंपनी का साइट इंचार्ज 100 फीट ऊंचे पोल पर फंस गया था. हाइड्रोलिक ट्रॉली के सहारे उन्हें उतारा गया था. वापसी के वक्त ट्रॉली ने काम करना बंद कर दिया था. इसके बाद उनकी जान पर बन आई. वे रातभर पोल पर ही फंसे रहे. बाद में रांची से अगली सुबह हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म आया, तो तब उन्हें उतारा जा सका.
मुख्य बातें
06 दमकल की गाड़ी
01 रेस्क्यू टेंडर
05 चालक
07 दमकलकर्मी
02 लाख लीटर का संप