झारखंड। धनबाद थाना क्षेत्र के मनोरम नगर स्थित फ्लैट में धनबाद व्यवहार न्यायालय की अपर लोक अभियोजक (एडिशनल पब्लिक प्रोसेक्यूटर) अरुणिमा बबीता मिंज मृत पाई गईं। शनिवार की दोपहर पड़ोसी आनन-फानन में उन्हें लेकर जालान अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मामले की जानकारी पाकर पहुंची धनबाद पुलिस एपीपी की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत की छानबीन कर रही है। रविवार को मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। 2010 बैच की एपीपी अरुणिमा बबीता मिंज मनोरम नगर में स्थित ममता कृष्ण अपार्टमेंट के फ्लैट में अकेले रहती थीं। पुलिस को पड़ोसियों ने बताया कि वह बीमार रहती थीं। इसलिए दिन में उनके फ्लैट का दरवाजा खुला रहता था। शुक्रवार को वह कोर्ट गई थीं। शनिवार को कोर्ट नहीं पहुंचने पर कोर्ट कर्मियों व सहकर्मी अधिवक्ताओं ने उनकी खोज-खबर लेनी शुरू की। प्रभारी पीपी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि पड़ोसियों ने अरुणिमा मिंज को अस्पताल पहुंचाया। उनके मृत्यु की जानकारी पाकर दोपहर करीब दो बजे धनबाद पुलिस को सूचना दी गई। बताया गया कि पहले मकान मालिक ने पुलिस को सूचना दी थी। मृतक के शरीर पर किसी प्रकार का जख्म नहीं मिला है।
एपीपी के सहायक हुसैन ने बताया कि वह हिमाचल प्रदेश गए हुए थे। लौटने के दौरान शनिवार की सुबह आठ बजे उनकी अरुणिमा मिंज से बात हुई थी। वह कह रही थीं कि सिर में दर्द है। उल्टी जैसा महसूस हो रहा है। दोपहर 12 बजे जब हुसैन को जानकारी मिली कि एपीपी कोर्ट नहीं पहुंची हैं तो उन्होंने उनके मोबाइल पर फोन किया। बात नहीं हुई तो फ्लैट के गार्ड को सूचना देते हुए फ्लैट पर जाने को कहा। गार्ड ने बताया कि जब वह फ्लैट पहुंचा तो टीवी चल रहा था। एपीपी बिस्तर पर लेटी हुई थीं। गार्ड ने मकान मालिक, पड़ोसी और हुसैन को मामले की जानकारी दी।
एपीपी की रांची निवासी बहन को उनकी मृत्यु की जानकारी दी गई है। सूचना पाकर परिजन धनबाद के लिए निकल गए हैं। पोस्टमार्टम में ही मौत के असल कारण का पता चल पाएगा। प्रथमदृष्टया बीमारी से ही मौत होना प्रतीत होता है।
-विनय कुमार, थाना प्रभारी, धनबाद