झारखंड

किसान पानी के लिए भगवान भरोसे, नकटी डैम झेल रहा सुखाड़ का दंश

Gulabi Jagat
27 July 2022 6:32 AM GMT
किसान पानी के लिए भगवान भरोसे, नकटी डैम झेल रहा सुखाड़ का दंश
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‘का वर्षा जब कृषि सुखाने’ यह चरितार्थ बंदगांव प्रखंड में देखने को मिल रहा है
Bandgaon : 'का वर्षा जब कृषि सुखाने' यह चरितार्थ बंदगांव प्रखंड में देखने को मिल रहा है. नकटी डैम इन दिनों कम पानी की कमी से जूझ रहा है. जुलाई महीना खत्म होने को है, लेकिन बंदगांव प्रखंड में वर्षा नहीं के बराबर है. इससे न तो नदी-नाले में ही पानी भर पाया है और न ही किसान खेती कर पा रहे हैं. ऐसे में खेती के लिए नकटी डैम का भी सहारा नजर नहीं आ रहा है. उक्त डैम में भी सीमित मात्रा में पानी है, जबकि पिछले वर्ष जोरदार बारिश होने के कारण नकटी डैम लबालब भर गया था और किसानों को भरपूर मात्रा में पानी मिल पा रही थी. लेकिन इस वर्ष वर्षा की कमी के कारण नकटी डैम का जलस्तर भी काफी कम है और नदी-नालों में भी पानी सही मात्रा में नहीं रहने के कारण किसानों को भगवान के भरोसे रहना पड़ रहा है.
बेहतर ढंग से वर्षा नहीं हुई तो आ सकती है सुखाड़ की स्थिति
किसानों का कहना है कि अगर कुछ दिन बेहतर ढंग से वर्षा नहीं हुई तो सुखाड़ की स्थिति आ सकती है. सिंचाई के लिए सरकार की ओर से भी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे किसान खेती कर सकें. सभी किसान वर्षा के पानी पर ही आश्रित हैं. अब तक सभी खेतों में धान की बुआई का काम चालू हो जाना था, लेकिन वर्षा नहीं होने के कारण बुआई का काम शुरू नहीं हो पाया है. कुछ-कुछ क्षेत्रों में बुआई हुई है, लेकिन 90% से ज्यादा ऐसे ही पड़े हैं. किसानों का कहना था कि अगर डैम का लिकेज ठीक रहता तो अगले वर्ष जो नकटी डैम में पानी भरा था वह पानी बेकार नहीं होता.
विदित हो कि डैम के केनल की स्थिति बहुत खराब है. जगह-जगह लीकेज होने के कारण केनाल में सही मात्रा में पानी भी नहीं आ पा रही है. कई जगहों में वर्षा के लिए ग्राम देवता एवं इष्ट देवता की भी पूजा अर्चना की जा रही है, ताकि वर्षा हो सके और किसान खेती का कार्य कर सकें.
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