जमशेदपुर न्यूज़: मोटे अनाज के उत्पादन एवं उपयोगिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र दारीसाई में किया गया. आयोजन जिला कृषि विभाग एवं आत्मा ने संयुक्त रूप से किया. जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कुमार कालिन्दी ने इसे संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा ने वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स (मोटा अनाज) वर्ष घोषित किया है, जिसके आलोक में भारत सरकार ने प्रत्येक राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मनाने का निर्णय लिया है.
झारखंड में भी अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के आलोक में वर्ष भर राज्य एवं जिला स्तर पर मिलेट्स को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों एवं गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है. किसानों को क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र के सह-निदेशक एवं वैज्ञानिक नूर अलाम, डलेश्वर रजक एवं गोंदरा मार्डी ने भी संबोधित किया. वक्ताओं ने कहा कि मोटा अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, मडुआ आदि का उत्पादन झारखंड में भी होता है.
किसान यह बात जानें कि धान की तरह ही मोटे अनाज हमारे खाद्य पादर्थ का हिस्सा हैं. इसका उत्पादन एवं उपयोग यदि हम अन्य फसल की तरह करें, तो चावल के बाद मोटे अनाज पूरक खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोगी साबित होंगे.
जिले में दो दिवसीय किसान मेला सह उत्पाद एवं पशु प्रदर्शनी का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र में किया गया है. के मेला में किसानों के द्वारा लाये गये विभिन्न कृषि उत्पाद में से उत्कृष्ट प्रदर्श का पुरस्कार 115 किसानों को दिया गया. कार्यक्रम में अतिथि के रूप में घाटशिला के जिला परिषद सदस्य सुभाष सिंह डुमरिया की जिला परिषद सदस्य पार्वती मुंडा शामिल हुईं.
मिट्टी का नमूना लेने के लिए कृषक मित्र सम्मानित
कृषि विभाग के स्वायल हेल्थ कार्ड योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा मिट्टी का नमूना संग्रहीह करने वाले उत्कृष्ट कृषक मित्र खगेन्द्रनाथ महतो पटमदा, भक्तरंजन महतो पटमदा एवं श्याम सुन्दर साव डुमरिया को पुरस्कृत किया गया. वहीं सबसे अधिक मिट्टी नमूना संग्रह करने वाले तीन प्रखंडों पोटका, बहरागोड़ा एवं पटमदा के प्रसार कर्मी को ट्राफी देकर सम्मानित किया गया. इसके अलावा कृषि विभाग के योजनान्तर्गत नौ प्रगतिशील किसानों को कुल 22,500 का डमी चेक देकर सम्मानित किया गया.