झारखंड

साइबर क्राइम बायोमीट्रिक थंब इंप्रेशन की क्लोनिंग कर पैसे निकाले

Admin Delhi 1
19 Jan 2023 6:44 AM GMT
साइबर क्राइम बायोमीट्रिक थंब इंप्रेशन की क्लोनिंग कर पैसे निकाले
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राँची न्यूज़: साइबर अपराधी पैसे की निकासी के लिए नए-नए तरीके निकाल रहे हैं. रांची में अवध पोद्दार नाम के व्यक्ति के खाते से 11 अक्तूबर 2022 को 2.50 लाख रुपए की फर्जी निकासी कर ली गई थी. इस मामले में साइबर रांची थाने की पुलिस ने असम के मारीगांव से गणेश मंडल को गिरफ्तार किया है. गणेश ने ठगी के इस तरीके के बारे में जो जानकारी दी है, वह काफी चौंकाने वाली है.

गणेश ने अवध पोद्दार के बैंक खाते से लिंक बोयोमीट्रिक थंब इंप्रेशन की क्लोनिंग कर ली थी. इसके बाद आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम का दुरुपयोग करते हुए पीओएस मशीन से पैसे की निकासी कर ली थी. जांच में यह बात सामने आयी थी कि इसके लिए फिनो पेमेंट बैंक में फर्जी दस्तावेज का प्रयोग कर बैंक कॉरेस्पोंडेंट और बैंक मित्र खाता खुलवाया गया था, इसके बाद क्लोन की गई फिंगर प्रिंट का उपयोग करके विभिन्न खातों में पैसा हस्तांतरित कर दिया गया था.

सीआईडी ने जांच में पाया है कि साइबर अपराधी गणेश मंडल के पास यस बैंक, नोवा पे और रुपी पे का डिस्ट्रीब्यूशन भी था. गणेश आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम सर्विस देने के लिए विभिन्न रिटेलरों को पंजीकृत भी किया करता था. गणेश के खाते में गए 1.30 लाख रुपए सीआईडी ने रिकवर भी करा दिए हैं. कई सरकारी विभागों में बायोमीट्रिक थंब इंप्रेशन को ऑनलाइन अपलोड किया जाता है.

साइबर अपराधी डुप्लीकेट थंब बनाने के लिए विभिन्न वेबसाइट पर अपलोड किए गए लोगों के बायोमीट्रिक थंब इंप्रेशन को बटर पेपर पर नकल कर लेते हैं. इसके बाद आधार कार्ड से जुड़े बैंक खातों को शार्टलिस्ट कर फर्जी दस्तावेज जमा कर किसी भी प्लेटफार्म पर ऑनलाइन बैंक मित्र का खाता खुलवाते हैं. आनलाइन खाता बन जाने के बाद बायोमीट्रिक डिवाइस और क्लोन किए गए रबर फिंगर प्रिंट का उपयोग कर पीओएस मशीन के माध्यम से पैसे की निकासी या अन्य बैंक खातों में पैसों का हस्तांतरण किया जाता है.

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