झारखंड

पेयजल कार्यालय में पानी की हर दिन आती हैं पांच शिकायतें

Admin Delhi 1
2 March 2023 12:57 PM GMT
पेयजल कार्यालय में पानी की हर दिन आती हैं पांच शिकायतें
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राँची न्यूज़: रांची नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले लोग केवल पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति नहीं होने को लेकर परेशान नहीं रहते हैं, बल्कि समस्या के समाधान के लिए पीएचईडी के केंद्रों के टॉल फ्री नंबर पर शिकायत भी दर्ज कराते हैं. बूटी, गोंदा और हटिया जलापूर्ति डिवीजन में से प्रत्येक में हर दिन पांच से छह शिकायतें पहुंचती है. ऐसे में हर प्रमंडल में प्रति माह सौ से अधिक और तीनों को मिलाकर तीन सौ से अधिक शिकायतें पहुंचती हैं.

अधिकारियों का दावा है कि नल पर निर्भर लोगों की ओर से मिली शिकायत का हरसंभव त्वरित निष्पादन का प्रयास किया जाता है. अधिकारियों के मुताबिक जलशोधन केंद्र से जलापूर्ति ठप रहने पर शिकायतें ज्यादा संख्या में आती हैं. बताया गया कि गर्मी बढ़ने और सप्लाई पाइप लाइन से जलापूर्ति नहीं होने पर शिकायतें ज्यादा आती हैं. इसी तरह की बात बूटी, गोंदा और हटिया जलापूर्ति प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने बताई. पीएचईडी के अभियंताओं के मुताबिक विभाग की ओर से भी सूचना केंद्र बनाए गए हैं.

इसके बावजूद भी फटे पाइप से बहते रहता है पानी अधिकारियों का दावा है कि तुरंत मरम्मत कार्य पूरा कर शिकायतों का निपटारा किया जाता है. लेकिन हकीकत यह है कि शहर के कई इलाके में अभी भी फटे हुए पाइप से हर दिन पानी सड़क पर बहकर बर्बाद हो रहा है. कोकर के तिरिल रोड में पिछले 15 दिन से जलापूर्ति के समय फटे पाइप से पानी सड़क पर बह रहा है. इसी तरह पिछले दिनों हरमू रोड के गाड़ीखाना में नाली निर्माण के दौरान आठ ईंच व्यास का पाइप फट गया था. इससे तीन दिन तक पानी बहता रहा और करीब 30 हजार की आबादी परेशान रही. इस मामले में निगम की ओर से अनदेखी हुई. इसके बाद पीएचइडी की ओर से मरम्मत का काम हुआ. इसके अलावा एलिवेटेड रोड एवं फ्लाई ओवर निर्माण स्थल के आसपास भी पाइप फटने से पानी सड़कों पर बहता है. जरूरतमंद गृहस्वामी तो अपनी व्यवस्था पर क्षतिग्रस्त पाइप का मरम्मत करा देते हैं, लेकिन विभाग एवं संबंधित निर्माण एजेंसी के भरोसे कई लोगों के होम कनेक्शन कई दिन से कटे हुए हैं और पानी सड़क पर बहता रहता है.

निगम शिकायत केंद्र में 15 दिन में एक भी शिकायत नहीं: नगर निगम के एकीकृत शिकायत केंद्र में पिछले 15 दिन के अंदर जलापूर्ति की समस्या से संबंधित एक भी शिकायत नहीं पहुंची है. केंद्र में मौजूद कर्मियों का कहना है कि माह में पांच से छह मामले ही आते हैं. जिनका निष्पादन वाटर बोर्ड की ओर से किया जाता है. दूसरी ओर प्रबुद्धजनों का कहना है कि शहर में रहने वाले अधिसंख्य लोगों को शिकायत केंद्र में टॉल फ्री नंबर की जानकारी ही नहीं है. निगम के स्तर से भी इसका विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता है. जिस कारण नल से पानी लेने वाले लोग परेशानी होने पर सही जगह पर शिकायत नहीं कर पाते हैं और इस मामले में वार्ड पार्षदों के भरोसे रहते हैं.

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