झारखंड

एमजीएम में मरीज की मौत पर गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट ने माना नर्स को दोषी

Admin Delhi 1
20 May 2023 1:30 PM GMT
एमजीएम में मरीज की मौत पर गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट ने माना नर्स को दोषी
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जमशेदपुर न्यूज़: एमजीएम में सीतारामडेरा के महावीर पाड़ेया की मौत के बाद तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट ने अस्पताल की व्यवस्था की पोल खोल दी है. जांच टीम में डॉ. विक्रम मुर्मू, डॉ. सरबर आलम और कार्यपालक दंडाधिकारी सुमित प्रकाश शामिल थे. टीम ने जांच में पाया कि महावीर को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मौत हो गई.

8 मई को मरीज के भर्ती होने के बाद डॉ. संजय पांडेय ने इलाज कर दवा लिखी थी. इसके बाद परिजन बाजार से दवा, स्लाइन लेकर आए, लेकिन नर्स झांकने तक नहीं आईं. पत्नी लता अंजली नर्सों से बार-बार विनती करती रही, पर किसी ने एक न सुनी. सिर्फ एक बार स्लाइन लगा दिया गया. मरीज की सांस उखड़ने लगी तो पत्नी ने नर्स से ऑक्सीजन देने को कहा. इस पर ऑन ड्यूटी नर्स का जवाब था कि वह मेरा काम नहीं है. ऑक्सीजन लगाने वाले स्टाफ को बुलाकर लाओ, वहीं पाइप लगाएगा. नर्स ने ऑक्सीजन नहीं लगाया और कुछ देर में मरीज ने दम तोड़ दिया.

डॉक्टर पर आरोप निराधार

मृतक के परिजनों ने डॉक्टर पर भी इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था. जांच टीम ने इस बिंदु पर भी जांच की, लेकिन डॉक्टर पर लगा आरोप सही नहीं पाया गया. भर्ती होने के बाद डॉक्टर ने मरीजों को देखा, बीएचटी पर दवा लिखी और शाम में आकर पड़ताल की थी. इस कारण उनपर कार्रवाई नहीं हुई. जांच टीम ने मेडिसिन वार्ड में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की भी जांच की. इससे पता चला कि कितनी बार नर्सों ने मरीज को अटेंड किया.

जांच में ये बातें सामने आईं

● मरीज की पत्नी लता अंजलि की बार-बार विनती के बाद भी नर्सें झांकने तक नहीं आईं.

● मरीज का समय पर नेबुलाइज तक नहीं किया गया. यह काम सीधे तौर पर नर्स का होता है.

● नेबुलाइजर का काम सीधे तौर पर नर्स का होता है. इसके जरिए सीधे फेफड़ों में दवा दी जाती है.

● मरीज क्रोनिक लिवर रोग से पीड़ित था, उसे नेबुलाइजर के जरिए दवा देनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

इन बिंदुओं पर हुई जांच

● डॉक्टर ने इलाज किया या नहीं मेडिकल बोर्ड ने यह जांच की कि डॉक्टर ने मरीज का इलाज किया या नहीं. जांच में आया कि डॉक्टर ने मरीज का इलाज किया था.

● आईसीयू में क्यों नहीं ले गए मरीज को आईसीयू में भर्ती नहीं करने की जांच में सामने आया कि आईसीयू में जगह नहीं थी.

● एक भी बार दवा नहीं दी गई परजिन बाहर से दवा लेकर आए, लेकिन नर्स ने एक भी दवा नहीं दी. सभी दो दिन तक पड़ी रही.

● पुराने रोग की जांच मृतक को क्रोनिक लीवर था और अल्कोहलिक था. 6 मई को ईसीजी हुआ था.

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