झारखंड

चार साल बाद भी घरों से नहीं हटा काला मीटर

Admin Delhi 1
1 July 2023 12:55 PM GMT
चार साल बाद भी घरों से नहीं हटा काला मीटर
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धनबाद न्यूज़: आदेश जारी हुए चार साल बीत गए लेकिन अब तक पूरी तरह से बिजली का काला मीटर नहीं हटा है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) की ओर से वर्ष 2019 में ही निर्देश दिया गया था कि सभी जगहों से काला मीटर हटा कर उसकी जगह इलेक्ट्रॉनिक (डिजिटल) मीटर लगाया जाए. आदेश आने के बाद अधिकांश घरों में मीटर बदल दिया गया, लेकिन आज भी दो हजार से अधिक घरों में काला मीटर ही लगा हुआ है. खुद बिजली विभाग के कार्यालय में भी यही मीटरहै. इसके अलावा विभिन्न विभागों के सरकारी क्वार्टरों में भी काला मीटर ही है.

कनेक्शन काटने की दी थी चेतावनी मीटर हटाने को लेकर विभाग की ओर से वर्ष 2020 में ही दूसरी बार आदेश दिया गया था. कहा गया था कि जिन घरों में काला मीटर है, वे लोग खुद से हटा लें अन्यथा विभाग की ओर से दूसरा मीटर लगाया जाएगा. इसके लिए 20 रुपए हर महीने वसूला जाएगा. इसके बाद भी जिन लोगों ने काला मीटर नहीं हटाया जाएगा, वैसे घरों का कनेक्शन काट देने की चेतावनी दी गई थी.

काला मीटर में बिजली चोरी आसान विभागीय अधिकारी का कहना है कि काला मीटर को लोग आसानी से बंद कर देते हैं और घरों में बिजली रहती है. कई लोग अपने मीटर में अलग से सर्किट लगा कर बिजली चोरी करते हैं. 100 यूनिट बिजली जलाने पर मीटर में 10 यूनिट रीडिंग ही होती है. अधिकारियों का कहना है कि ऐसे में बिजली विभाग को काफी नुकसान हो रहा था.

इलेक्ट्रॉनिक मीटर के फायदे: इलेक्ट्रॉनिक मीटर (डिजिटल) को उपभोक्ता बंद नहीं कर सकता और न ही इसमें किसी प्रकार का कोई सर्किट लगा सकता है. इससे बिजली चोरी पर अंकुश लगता है. छेड़छाड़ करने पर मीटर खराब होने की आशंका रहती है. इसके अलावा मोबाइल चार्ज करने पर भी यूनिट उठाती है जबकि काला मीटर में मोबाइल चार्ज करने पर ऐसा नहीं होता है.

जहां-जहां काला मीटर लगा है, उसकी जानकारी विभाग को है. स्मार्ट मीटर पहले वैसे उपभोक्ताओं के यहां लगाया जाएगा. सर्वे चल रहा है. दो-तीन महीने में मीटर लगाने का काम शुरू हो जाएगा. इसके बाद कहीं नहीं देखने को मिलेगा. -हरेंद्र कुमार सिंह, जीएम

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