झारखंड
रंगमंच की शुरुआत करने वाले प्रख्यात नाटककार अशोक पागल का निधन
Ritisha Jaiswal
22 July 2022 11:41 AM GMT
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प्रख्यात नाटककार, अभिनेता व निर्देशक अशोक पागल नहीं रहे. वे लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. रांची के रामप्यारी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.
प्रख्यात नाटककार, अभिनेता व निर्देशक अशोक पागल नहीं रहे. वे लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. रांची के रामप्यारी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. आज शुक्रवार को उन्होंने आखिरी सांस ली. आपको बता दें कि नामचीन रंगकर्मी अशोक पागल ने 1971 में 'हस्ताक्षर' नाट्य संस्था की शुरुआत की थी. इसे रांची में आधुनिक रंगमंच की शुरुआत मानी जाती है.
70 के दशक में की थी रंगमंचीय करियर की शुरुआत
नामचीन रंगकर्मी अशोक पागल का जन्म 5 मई 1948 में हुआ था. ये जाने-माने नाट्यकर्मी थे. नाटककार, अभिनेता और निर्देशक रहे. इन्होंने सत्तर के दशक में रंगमंचीय करियर की शुरुआत की थी. कला के क्षेत्र में कई उपलब्धियां इनके नाम हैं.
रांची में आधुनिक रंगमंच की शुरुआत की थी
अशोक पागल का वास्तविक नाम अशोक कुमार साहु था. अशोक पागल ने 1971 में 'हस्ताक्षर' नाट्य संस्था की शुरुआत की थी. इसे रांची में आधुनिक रंगमंच की शुरुआत मानी जाती है. आकाशवाणी, दूरदर्शन और फिल्मों में भी ये सक्रिय रहे. इन्हें कई पुरस्कार और सम्मानों से नवाजा गया है.
ऐसे हुआ था नाटक से लगाव
बताया जाता है कि स्कूल के दिनों में अशोक पागल बेहद शर्मीले थे, लेकिन कॉलेज में कदम रखते ही दोस्तों की वजह से इन्हें नाटक में रुचि पैदा हो गयी. पहले यहां दुर्गा पूजा पर नाटक हुआ करता था. दोस्तों के साथ नाटक में भाग लेने लगे. इससे नाटक से लगाव हो गया. एक वक्त तो ऐसा आया कि इन्होंने मन में ठान लिया कि अब नाटककार ही बनना है. इसके बाद इन्होंने नाटक की राह पकड़ी और कई उपलब्धियां हासिल की.
2 दर्जन से अधिक नाटक की किताबें लिखीं
रंगकर्मी अशोक पागल की 2 दर्जन से अधिक नाटक की किताबें हैं. इन्होंने झारखंड के अलावा देश के कई अन्य राज्यों में भी नाटक किया था. रांची के अलावा जमशेदपुर, पटना, कोलकाता, इलाहाबाद, उदयपुर, जयपुर समेत कई शहरों में इन्होंने नाटक का मंचन किया था
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