झारखंड

50 मिनट तक ठप रही रिम्स में बिजली, अटकी 125 मरीजों की सांसे, सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक में टॉर्च से हुआ इलाज

Renuka Sahu
12 Aug 2022 2:20 AM GMT
Electricity in RIMS stalled for 50 minutes, breathing of 125 patients stuck, torch treatment in superspecialty block
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फाइल फोटो 

रिम्स की सुपरस्पेशलिटी बिल्डिंग में शाम साढ़े सात बजे से करीब 50 मिनट बिजली गुल रही।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रिम्स की सुपरस्पेशलिटी बिल्डिंग में शाम साढ़े सात बजे से करीब 50 मिनट बिजली गुल रही। शाम के 7: 35 मिनट से लेकर 8:26 मिनट तक बिजली गुल रही। बीच में सिर्फ 8: 16 मिनट में एक मिनट के लिए बिजली आई थी। इस दौरान सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक में करीब 125 भर्ती मरीजों की जान आफत में आ गई थी। इनमें से 50 के करीब मरीज आईसीयू के भरोसे थे, जो तड़पते रहे।

मरीज के परिजन ब्लॉक के बाहर बिजली विभाग के कर्मियों और रिम्स प्रबंधन से लगातार संपर्क करने की कोशिश में थे, पर उन्हें किसी तरह का कोई सहयोग नहीं मिल पाया। बता दें कि बिजली का केबल कटने के कारण जेनरेटर से भी सप्लाई नहीं हो पा रहा था। आनन-फानन में रिम्स के बिजली विभाग के कर्मचारियों ने दूसरे केबल के सहयोग से लाइन जोड़ा। इस प्रक्रिया में करीब 50 मिनट लग गए, तब तक मरीज भगवान भरोसे रहे। हालांकि इस दौरान एक भी मरीज की जान नहीं गई।
सीटीवीएस विभाग में भर्ती रातू रोड के दुखहनन साहू को तुरंत ऑपरेशन थिएटर से निकाला गया था, उन्हें तत्काल वेंटिलेटर की जरूरत थी। बिजली नहीं रहने के कारण मरीज परेशान रहे। हालांकि डॉ अंशुल ने सिलेंडर के सहयोग से मरीज को स्टेबल करने की कोशिश करते रहे। बिजली आने के बाद मरीज स्टेबल हो गया।
करीब एक दर्जन मरीज वेंटिलेटर पर थे। कई वेंटिलेटर में बैटरी बैकअप होने के कारण मरीजों को सांसें मिलती रहीं। कार्डियोलॉजी विभाग में वेंटिलेटर पर भर्ती मरीज के परिजन ने बताया कि वेंटिलेटर तो चल ही रहा था, पर बार-बार लो एयर प्रेशर का अलार्म बज रहा था। उन्होंने कहा कि अगर थोड़ी देर और हो गई होती तो कुछ भी हो सकता था।
उपाधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर दिखाई तत्परता
बिजली गुल होने की सूचना मिलते ही रिम्स के उपाधीक्षक मौके पर पहुंच गए। जिसके बाद वे बिजली विभाग के कर्मियों के साथ मिलकर जल्द बिजली उपलब्ध कराने की जुगत में लग गए। उन्होंने बताया कि आपदा कभी भी हो सकती है। वही इस बार भी हुआ है। हमने मिलकर जल्द से जल्द बिजली उपलब्ध कराने की कोशिश की है। उपर वाले का शुक्र है कि कोई हताहत नहीं हुआ।
टॉर्च से चलता रहा इलाज
सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक में इस पचास मिनट में मोबाइल के टॉर्च से मरीजों का इलाज चलता रहा। ऑपरेशन थिएटर से मरीज के निकलने के बाद भी मरीज को मोबाइल टार्च के लाइट से स्टेबल करने में चिकित्सक लगे रहे। बिजली गुल होने की सूचना मिलते ही रिम्स के उपाधीक्षक मौके पर पहुंच गए। इसके बाद जल्द बिजली उपलब्ध कराने की जुगत में लग गए।
पानी के जमाव के कारण शॉट कर गया था केबल
बिजली विभाग के कर्मियों ने बताया कि ट्रांसफार्मर के पास से बिल्डिंग के लिए दो केबल आ रहे हैं, जिनमें एक केबल शॉट कर गया था। जिस कारण लाइन होल्ड नहीं कर पा रहा था। दूसरे केबल के सहयोग से जोड़कर तत्काल लाइन चालू किया गया है। जेनरेटर और लाइन का एक ही केबल है। केबल के एक टेंच में पानी जमा हो गया था, जिससे तार शॉट कर गया था।
इधर-उधर भागते रहे परिजन
सुपरस्पेशलिटी विभाग में भर्ती मरीज के परिजन इस दौरान काफी परेशान हो गए थे। सभी वार्ड में इधर-उधर भागते रहे, ताकि कहीं से जल्दी से बिजली उपलब्ध हो जाए और उनके मरीज स्थिर हो जाएं। बिजली गुल रहने के दौरान कई परिजन अपने स्तर से प्रबंधन से संपर्क करने का प्रयास भी करते रहे, वहीं कुछ परिजन अपने मरीज पर पंखा चलाते रहे और उनको जल्दी बिजली आ जाने को लेकर भरोसा देते रहे।
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