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Ranchi: झारखंड गठन के बाद से ही रांची में जीरो कट पावर सप्लाई का दावा किया जाता रहा है. अब तक विभिन्न योजनाओं के तहत 10 -15 साल में 1000 हजार करोड़ से अधिक खर्च किए गए. विगत 10 सालों की तुलना में वर्तमान में बिजली वितरण की दिशा में सुधार तो देखने को मिला है. मगर अब भी हमारी बिजली वितरण आपूर्ति व्यवस्था तेज आंधी, पानी और थंडरिंग की मार नहीं झेल पा रही है. इस मौसम में सबसे अधिक प्रभावित बिजली आपूर्ति व्यवस्था के 33 केवी एवं 11 केवी लाइन होती हैं. अगर ये लाइन ब्रेक डाउन हुई तो उसे खोज कर ठीक करने में घंटो, कभी-कभी तो दो से तीन दिन का भी समय लग जाता है. रांची में विगत 10-15 साल में दो स्कीम इन दो लाइनों का अंडरग्राउंड होने का काम हुआ. अभी तक 33 केवी 75 और 11 केवी के 20 प्रतिशत का काम पूरा हो सका पूरा सका है.
अब तक बिजली सुधार को लेकर हुए ये कार्य
– केंद्र प्रायोजित आरपीडीआरपी योजना के तहत करीब 110 किमी अंडरग्राउंड केबलिंग समेत 500 से अधिक नया ट्रांसफार्मर लगाने, नया सबस्टेशन निर्माण हुआ.
-एलटी लाइन एरियर बंच में बदलने सहित बिजली आपूर्ति सिस्टम दुरुस्त करने को लेकर कई काम हुए.
-संपूर्ण बिजली अच्छादन योजना (जसवे) के तहत 33 एवं 11 केवी के करीब 220 किमी से अधिक लाइन अंडरग्राउंड हुई
33 केवी के ये लाइन हुई अंडरग्राउंड
-कांके-राजभवन 33 केवी लाइन
-कांके-मोरहाबादी 33 केवी लाइन
-मोरहाबादी-राजभवन 33 केवी लाइन
-नामकुम-चुटिया 33 केवी लाइन
-नामकुम-नामकुम ग्रिड 33 केवी लाइन
-कुसई-एयरपोर्ट 33 केवी लाइन
-हटिया ग्रिड-विधानसभा सबस्टेशन 33 केवी लाइन
-अरगोड़ा-हरमू 33 केवी लाइन
11 केवी लाइन के ये काम हुए
-सुजाता, मेनरोड, सर्किट हाउस, न्यू मोरहाबादी, पारसटोली, हीनू एवं चडरी, शहीद चौक से अपर बाजार .
-आरपीडीआरपी योजना के तहत महज 110 किमी लाइन ही अंडर ग्राउंड हुई. जसवे योजना के तहत करीब 200 किमी लाइन ही अंडरग्राउंड हुई.
– 33 केवी लाइन का अब भी 35 प्रतिशत और 11 केवी लाइन का अब भी 75 प्रतिशत अंडर ग्राउंड होना बाकी है.
जिन क्षेत्रों में हुआ अंडरग्राउंड का काम, वहां फॉल्ट में कमी का दावा
जिन क्षेत्रों में अंडरग्राउंड हो गया है, वहां मौसम की मार का असर कम हुआ है. रांची सदर इलाका, अरगोड़ा, हरमू, राजभवन इलाका, मोरहाबादी इलाका, सेवा सदन इलाका, कांके एरिया, नामकुम, सिदरौल, सदाबहार चौक इलाका, हटिया-विधानसभा, मदर डेयरी, पंडरा, कुसई, एयरपोर्ट, विधानसभा, अरगोड़ा, हरमू, कुसई, पॉलेटक्निक, मोरहाबादी, राजभवन, सदर, कोकरशहरी, सर्किट हाउस, सेवा सदन, पुनदाग, आईटीआई, न्यू मोरहाबादी, हीनू, पारसटोली, हिनू चौक, मेकॉन चौक, सुजाता चौक, फिरायालाल चौक, कचहरी चौक, शहीद चौक, अपर बाजार, सुजाता चौक, सिरम टोली चौक व आसपास के क्षेत्र को फायदा होने का दावा किया जा रहा है.
नयी स्कीम के तहत अन्य बिजली वितरण सुधार के कार्य होंंगे
-झारखंड में इस साल रांची सहित पूरे स्टेट में बिजली सुधार को लेकर केंद्र प्रायोजित आरडीडीएस (रिवेंड डिस्ट्रब्यूशन सेक्टर स्कीम) के तहत कई कार्य शुरू किए जाए जाएंगे. इसकी प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है.
-झारखंड के विभिन्न शहर के गली-मुहल्लों में करीब 3500 किमी लो टेंशन (एलटी) लाइन को एरियल बंच केबल में बदला जाएगा.
-यूजी केबल के साथ -साथ पांच नए सब स्टेशन निर्माण एवं एलटी लाइन को एरियल बंच केबल में तब्दील करना.
-1615 किमी एवं 320 किमी में एलटी लाइन को एरियर बंच केबल में बदलना तथा पांच नया सबस्टेशन निर्माण भी शामिल है.
.1107.6 किमी में होगा 11 केवी यूजी का काम होगा. नए प्रस्ताव में 1107.6 किमी 11 केवी लाइन को यूजी करने का रखा गया है.
-सब स्टेशनों में फीडर का लोड को काम करने के लिए पांच नए सबस्टेशनों का निर्माण होगा. विद्यानगर हरमू, ट्रेकर स्टैंड, कटहल मोड़, ठाकुरगांव तथा सुकरहुटू में नया सब स्टेशन निर्माण शामिल है.
किस डिवीजन में कितने किमी 11 केवी लाइन होंगी भूमिगत
कोकर डिवीजन- 154.6 किमी
-न्यू कैपिटल के तहत 88.5 किमी
– रांची ईस्ट डिवीजन के तहत 30 किमी
– रांची वेस्ट डिवीजन के तहत 70 किमी
– रांची सेंट्रल डिवीजन के तहत 154.5 किमी
-डोरंडा डिवीजन – 610 किमी
-विभिन्न डिवीजनों में बाकी करीब 20 फीसदी 33 केवी के 109 किमी लाइन को यूजी केबल करने को शामिल किया गया है.
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Tara Tandi
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